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रांची/डेस्क: अक्सर शादी में बारात में यह तो दूल्हा-दुल्हन घोड़े पर आते है या फिर गाड़ी में पर शायद ही अपने कभी सुना होगा कि किसी दुल्हन ने बैलगाड़ी में एंट्री मारी हैं. ऐसे में मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के बड़गांव में एक शादी ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया. यहां दुल्हन जागृति पटेल ने शादी के मंडप तक पहुंचने के लिए बैलगाड़ी का चुनाव किया, जो सबके लिए एक अप्रत्याशित और दिल को छूने वाला अनुभव बन गया.
यह शादी थी समाजसेवी छगनलाल पटेल की बेटी जागृति की, जो 3 दिसंबर को श्रीराम छापरिया खामखेड़ा के बेटे शुभम बिरले से परिणय सूत्र में बंधीं. जागृति ने इस खास मौके पर एक नया कदम उठाया, बैलगाड़ी पर बैठकर मंडप तक जाने का फैसला किया. इस कदम का उद्देश्य पुरानी परंपराओं को जीवित रखना और उन्हें आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाना था. जागृति ने कहा, "हमें आधुनिकता के साथ अपनी पुरानी परंपराओं को भूलना नहीं चाहिए." जब बैलगाड़ी में सजी-धजी दुल्हन मंडप की ओर बढ़ी, तो बाराती और रिश्तेदार चकित रह गए. शादी का माहौल और भी खास हो गया. सभी ने तालियां बजाकर इस परंपरा की सराहना की और माना कि यह कदम समाज के लिए एक सशक्त संदेश है कि हम अपनी जड़ों से जुड़े रहकर अपनी संस्कृति को जिंदा रख सकते हैं.
इस दिलचस्प और पारंपरिक एंट्री का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और लोग इस नज़ारे की तारीफ करते नहीं थक रहे. किसी ने इसे संस्कृति के प्रति प्रेम कहा, तो किसी ने इसे पुरानी परंपराओं का सम्मान माना. जागृति पटेल ने अपनी शादी के जरिए यह संदेश दिया कि हम आधुनिकता के बावजूद अपनी पुरानी परंपराओं को नहीं भूल सकते और अगर हम इन्हें सही तरीके से निभाएं तो यह हमारी संस्कृति और पहचान को और भी मजबूत करता हैं.