अनंत/न्यूज़11भारत
बेरमो/डेस्क: झारखंड में जल, जंगल और जमीन पर कॉरपोरेट हमले के खिलाफ गोमिया अंचल किसान सभा ने बुधवार को प्रखंड कार्यालय में जोरदार प्रदर्शन किया. सभा की मुख्य मांगों में गैरमजरुआ जमीन का रसीद निर्गत करने, वन अधिकार कानून का लाभ दिलाने, मनरेगा में मशीनों के उपयोग को रोकने और विस्थापितों को उचित मुआवजा एवं पुनर्वास देने की मांग शामिल थी. इस प्रदर्शन का नेतृत्व झारखंड राज्य किसान सभा के महासचिव सुरजीत सिन्हा, सीटू के प्रदेश उपाध्यक्ष रामचंद्र ठाकुर, किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष श्यामसुंदर महतो, अंचल सचिव विनय महतो एवं अध्यक्ष लखन महतो ने संयुक्त रूप से किया.
जल, जंगल और जमीन पर कॉरपोरेट कब्जे का विरोध
सभा को संबोधित करते हुए महासचिव सुरजीत सिन्हा ने कहा कि झारखंड में अभी भी कई किसानों को गैरमजरुआ जमीन का रसीद नहीं मिल रहा है, जबकि जंगल क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को वन अधिकार कानून का लाभ देने में सरकार विफल रही है. मनरेगा में मशीनों का इस्तेमाल कर मजदूरों को काम से वंचित किया जा रहा है, जबकि विस्थापितों को मुआवजा और पुनर्वास भी नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि गांवों में स्वच्छ पेयजल की समस्या गंभीर होती जा रही है और सरकार इन मुद्दों पर चुप्पी साधे हुए है. उन्होंने किसानों से आंदोलन को तेज करने और सरकार पर दबाव बनाने की अपील की.
केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ 20 मई को हड़ताल
सीटू के प्रदेश उपाध्यक्ष रामचंद्र ठाकुर ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियां, मजदूरों-किसानों के अधिकारों पर हमला और सांप्रदायिकता देश के लिए घातक साबित हो रही हैं. उन्होंने आगामी 20 मई को होने वाली देशव्यापी हड़ताल का समर्थन करते हुए इसे सफल बनाने का आह्वान किया.
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में किसान शामिल
इस प्रदर्शन में अंचल उपाध्यक्ष घनश्याम महतो, भुनेश्वर महतो, लखपति महतो, परमानंद प्रजापति, रौशनलाल प्रजापति, विनय स्वर्णकार, भोला स्वर्णकार सहित बड़ी संख्या में किसान और मजदूर शामिल हुए. किसान सभा ने सरकार से जल, जंगल और जमीन से जुड़े मुद्दों का समाधान करने की मांग करते हुए चेतावनी दी कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन और तेज किया जाएगा.