अनंत/न्यूज़11भारत
बेरमो/डेस्क: महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर 30 जनवरी से 14 फरवरी तक राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत "स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान" का आयोजन किया जाएगा. इसे लेकर मंगलवार को समाहरणालय सभागार में उप विकास आयुक्त गिरजा शंकर प्रसाद की अध्यक्षता में जिला समन्वय समिति की बैठक हुई.
उप विकास आयुक्त ने चिकित्सा पदाधिकारियों, कर्मियों और विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों से अभियान में सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया. उन्होंने विभाग द्वारा बनाए गए माइक्रोप्लान के तहत काम करने और अधिकतम लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए, ताकि कुष्ठ को लेकर समाज में फैली भ्रांतियां दूर हो सकें.
अभियान को जमीनी स्तर तक ले जाने का आह्वान
उप विकास आयुक्त ने स्वास्थ्य, समाज कल्याण और अन्य विभागों को समन्वय बनाकर कार्य करने की बात कही. उन्होंने सहियाओं को घर-घर जाकर चिन्हित कुष्ठ रोगियों को दवा देने और जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यशालाओं के आयोजन का निर्देश दिया. साथ ही, कुष्ठ रोग से ठीक हुए लोगों के प्रेरक वीडियो बनाकर उनका प्रचार-प्रसार करने की बात कही. उन्होंने स्पष्ट किया कि कुष्ठ रोग न तो लाइलाज है और न ही यह वंशानुगत बीमारी है.
जागरूकता के लिए व्यापक प्रयास
जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी सुधा सिंह ने बताया कि सुन्न दाग-धब्बे कुष्ठ रोग की पहचान हैं. अभियान के तहत दीवार लेखन, नुक्कड़ नाटक, क्विज, जन संदेश और पंपलेट्स के जरिए जागरूकता फैलाई जाएगी. 30 जनवरी को "स्पर्श दिवस" के रूप में मनाया जाएगा, जिसमें स्वास्थ्य केंद्रों और ग्राम सभाओं में जागरूकता संदेश पढ़ा जाएगा.
स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य
सिविल सर्जन ए बी प्रसाद ने कहा कि भारत सरकार ने कुष्ठ उन्मूलन का लक्ष्य तय किया है, जिसमें प्रति दस लाख लोगों में कुष्ठ रोगियों की संख्या न्यूनतम करना, कुष्ठजनित दिव्यांगता को समाप्त करना और बच्चों में कुष्ठ रोगियों की संख्या को एक से कम करना शामिल है.
बैठक में उपस्थित लोग
बैठक में जिला परिषद उपाध्यक्ष बबीता देवी, डीपीएम दीपक कुमार, डा. रेणु भारती, डा. जफरूद्दीन, डा. अरविंद और सभी प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी शामिल थे. सभी ने अभियान को सफल बनाने के लिए अपने सुझाव और प्रयास साझा किए.