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रांची/डेस्कः- उत्तराखंड स्थित ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद इन दिनों काफी चर्चा में है. इनके एक बयान से पुरे देश में हलचल मच गई है. शंकराचार्य का कहना था कि हम पूण्य व पाप में भरोसा करते हैं. हम हिंदू धर्म को मानते हैं. विश्वासघात सबसे बड़ा पाप होता है. उन्होने कहा कि उद्धव ठाकरे से साथ विश्वासघात हुआ है जिससे वो दुखी है औऱ जब तक वे दुबारा मुख्यमंत्री नहीं बन जाते तब तक हमारा दुख दुर नहीं होगा. इनके इस बयान से महाराष्ट्र की राजनीति में एक अलग मोड़ ले लिया है. एकनाथ शिंदे ने इसकी निंदा भी की है. शिवसेना नेता संजय निरुपम ने कहा कि शंकराचार्य धार्मिक कम राजनीतिक ज्यादा हैं. उसने कहा कि सीएम कौन बनेगा कौन नहीं इसका फैसला जनता करेगी. उद्धव ठाकरे ने शंकराचार्य के पैर छू कर उनसे आशीर्वाद लिया. मुकेश अंबानी के बेटे की शादी में भी शामिल हुए और उन्हे आशीर्वाद दिया. इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने भी आशीर्वाद लिया. बता दें अविमुक्तेश्वरानंद के गुरु जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद स्वतंत्रता सेनानी थे.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का जन्म प्रतापगढ़ के पट्टी तहसील के ब्राह्मणपुर गांव में हुआ. जिनका मूल नाम उमाशंकर उपाध्याय है. पढ़ाई के दौरान वे छात्र राजनीति में भी सक्रीय थे 1994 में वे छात्रराजनीति के चुनाव भी जीते थे. गंगा और गाय की रक्षा के लिए अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती हमेशा से सक्रीय रहते हैं. बता दें कि जब काशी विश्वनाथ में कॉरिड़ोर बनने के दौरान मंदिर तोड़े जा रहे थे तो इन्होने जमकर विरोध भी किया था. यहां तक कि उन्होने वाराणसी में पीएम मोदी के खिलाफ कैंडिडेट भी उतारने की कोशिश की थी. 2008 में गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित करने के लिए एक लंबा अनशन भी किया था. अपने गुरु के निर्देश पर उन्होने अनशन खत्म किया था.