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रांची/डेस्क: सोचिए आप घर पर आराम से टीवी देख रहे हो और आपका एक हाथ अचानक अपनी मर्जी से चलने लगे. न आप उसे रोक पा रहे हो न उसे कंट्रोल कर पा रहे हो. कुछ ऐसा ही हुआ 77 वर्षीय एक महिला के साथ, जब उनका बायां हाथ अचानक एलियन बन गया. जानकारी के अनुसार, ये घटना 2014 को हुई थी लेकिन आज भी इसे दुनियाभर में मेडिकल मिस्ट्री की तरह देखा जाता हैं. महिला का हाथ अचानक खुद-ब-खुद उनके चेहरे और बालों को छूने लगा. दरके मारे कांपती हुई महिला को लगा जैसे उसके हाथ पर किसी और का नियंत्रण हैं.
क्या था पूरा मामला?
दरअसल, महिला टीवी देख रही थी तभी उनके बाएं हाथ ने अपनी 'मर्जी' से हरकत करनी शुरू कर दी. कुछ मिनटों में हाथ पूरी तरह से महिला के कंट्रोल से बाहर हो गया. इतना ही नहीं उनके पति ने नोटिस किया कि चलते वक्त महिला बायां पैर भी घसीट रही थी, जिसे देखकर वह तुरंत अस्पताल ले गए. डॉक्टरों ने शुरूआती जांच में इसे एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर- एलियन हैंड सिंड्रोम (Alien Hand Syndrome) बताया.
क्या होता है एलियन हैंड सिंड्रोम?
एलियन हैंड सिंड्रोम एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, जिसमें व्यक्ति का हाथ उसकी मर्जी के बिना खुद-ब-खुद हरकत करता हैं. यह इतना अनकंट्रोलेबल हो सकता है कि मरीज को अपने ही दूसरे हाथ से उसे रोकना पड़ता है और कई बार तब भी नहीं रुकता.
क्या है इसके पीछे का कारण?
- स्ट्रोक
- मस्तिष्क की चोट
- ब्रेन सर्जरी
- अल्जाइमर या अन्य न्यूरोलॉजिकल रोग
- वहीं महिलाओं के केस में रीढ़ की सर्जरी के बाद खून पतला करने वाली दवा बंद करना एक संभावित कारण माना गया, जिससे स्ट्रोक हुआ और सिंड्रोम ट्रिगर हो गया.
एलियन हैंड सिंड्रोम को "डॉ. स्ट्रेंजलव सिंड्रोम" भी कहा जाता हैं. कई केस में ये हाथ किसी की गर्दन पकड़ने, चीजें छीनने या खुद को नुकसान पहुंचाने तक की कोशिश करता हैं. कई बार यह स्थिति जानलेवा भी हो सकती हैं.
क्या है इसका इलाज?
इसका कोई पक्का इलाज नहीं है लेकिन
- बिहेवियर थेरेपी
- उस हाथ को व्यस्त रखना
- मेडिकल निगरानी
इस सिंड्रोम का पहला केस 1908 में जर्मन न्यूरोलॉजिस्ट कर्ट गोल्डस्टीन ने रिपोर्ट किया था. तब से लेकर आज तक यह केवल चुनिंदा मामलों में ही देखा गया हैं.