प्रमोद कुमार/न्यूज़11 भारत
बरवाडीह/डेस्क: बरवाडीह में लंबे समय से केंद्रीय विद्यालय की मांग पूरी होने पर क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर हैं. एक दशक के संघर्ष के बाद भारत सरकार ने केंद्रीय विद्यालय की मंजूरी प्रदान की हैं. यह कदम बरवाडीह में रेलवे कर्मचारियों और यूनियन (ईसीआरकेयू) द्वारा 2013-14 में उठाई गई मांग पर आधारित है, जब रेलवे के माध्यम से प्रक्रिया शुरू की गई थी. डीआरएम और जीएम द्वारा सरकार को भेजे गए प्रस्ताव के बाद, यह प्रक्रिया कई सालों तक लंबित रही लेकिन स्थानीय नागरिकों के संघर्ष और अपना अधिकार अपना सम्मान मंच के अभियान के चलते इस मुद्दे को नया मोड़ मिला. इस मंच के प्रयासों से प्रधानमंत्री और स्थानीय सांसद का ध्यान इस महत्वपूर्ण मामले की ओर आकर्षित किया गया हैं.
वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद, दिवंगत भाजपा नेता स्वर्गीय जयवर्धन सिंह, शशि शेखर और दिलीप सिंह यादव ने सांसद सुनील सिंह के साथ मिलकर रेलवे बोर्ड से मंजूरी दिलवाई. इसके बाद केंद्रीय विद्यालय संगठन को प्रस्ताव भेजा गया और जांच टीम ने बरवाडीह का दौरा कर रिपोर्ट प्रस्तुत की. हालांकि कोविड-19 के कारण मामले में कुछ ठंडक आई लेकिन सांसद सुनील कुमार सिंह और अपना अधिकार अपना सम्मान मंच की सचिव संतोषी शेखर की कड़ी मेहनत से इस मुद्दे को पुनः सक्रिय किया गया और प्रक्रियाओं को अंतिम चरण तक पहुँचाया.लगभग एक साल की कड़ी मेहनत के बाद, अब बरवाडीह को केंद्रीय विद्यालय की मंजूरी मिल गई है, जो स्थानीय लोगों के लिए एक ऐतिहासिक सफलता हैं. यह मंजूरी न केवल बरवाडीह बल्कि आस-पास के क्षेत्र के बच्चों के लिए भी शिक्षा के नए अवसरों का द्वार खोलेगी.