अनंत/न्यूज़11भारत
बेरमो/डेस्क: लिंगभ्रूण जांच कराना कानूनन अपराध है और इसे रोकने के लिए जनमानस में जागरूकता फैलाना अत्यंत आवश्यक है. यह बात सहयोगिनी संस्था की सचिव कल्याणी सागर ने बगदा पंचायत भवन, कसमार प्रखंड में आयोजित जेंडर आधारित हिंसा के प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कही. उन्होंने कहा कि भ्रूण हत्या को रोकने के लिए सरकार ने कानून तो लागू किया है, लेकिन यह कानून तभी प्रभावी हो सकता है जब समाज के लोग इस जघन्य अपराध को रोकने के लिए आगे आएं.
कल्याणी सागर ने बताया कि पीसीपीएनडीटी (पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक) अधिनियम के तहत गर्भ में पल रहे शिशु के लिंग की जांच करना या करवाना एक दंडनीय अपराध है. समाज में जेंडर विभेद के चलते कन्या भ्रूण हत्या जैसी घटनाएं होती हैं, जिसे हम सभी के सहयोग से ही समाप्त कर सकते हैं. यदि कहीं भी ऐसे मामलों की जानकारी मिले, तो इसे जिला टास्क फोर्स को सूचित किया जाना चाहिए.
कार्यक्रम के प्रशिक्षक प्रकाश कुमार झा ने कहा कि समाज में व्याप्त जेंडर आधारित हिंसा को समाप्त करने के लिए निरंतर जन जागरूकता कार्यक्रमों की आवश्यकता है. साथ ही, समाज के सभी वर्गों को जेंडर और महिला संबंधी अपराधों के खिलाफ एकजुट होकर कदम उठाने होंगे. इस अवसर पर सहयोगिनी संस्था द्वारा संचालित किशोरी समूह की 40 किशोरियों को समूह चर्चा और ऑडियो-वीडियो के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया. कार्यक्रम में सहयोगिनी की समन्वयक कुमारी किरण, गौतम सागर, रेखा देवी, सुनीता कुमारी, बबिता कुमारी और अनिता कुमारी की विशेष उपस्थिति रही.