अनंत/न्यूज़11 भारत
बोकारो/डेस्क: गोमिया स्थित आईईएल दुर्गा पूजा समिति इस वर्ष भी भव्य और आकर्षक पंडाल का निर्माण कर रही है, जिसका रूप इस बार अयोध्या के प्रसिद्ध राम मंदिर के तर्ज पर तैयार किया जा रहा हैं. हर साल की तरह इस बार भी पूजा समिति ने अपने पंडाल को विशेष और अनोखा बनाने के लिए पूरा जोर लगाया हैं. पिछले वर्ष केदारनाथ धाम के रूप में बने पंडाल ने दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं को आकर्षित किया था और इस बार भी राम मंदिर की थीम पर आधारित पंडाल भक्तों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ हैं.
पूजा की तैयारियां: पंडाल निर्माण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है और अब इसे अंतिम रूप दिया जा रहा हैं. समिति के सदस्य और कलाकार पंडाल की फिनिशिंग पर काम कर रहे है, ताकि श्रद्धालुओं को एक अद्वितीय अनुभव मिल सके. पंडाल के अंदर देवी दुर्गा की मूर्ति स्थापना के लिए भी विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं. इसके अलावा, पूरे क्षेत्र को रोशनी और सजावट से सजाया जा रहा है, जिससे यह स्थल पूरी तरह से त्योहार की भावना को जीवंत करेगा.
पूजा समिति: पूजा समिति में इस वर्ष रोशन सिन्हा अध्यक्ष के रूप में, पंकज कुमार उपाध्यक्ष, संतोष राम सचिव, और राजेश शर्मा कोषाध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारियां निभा रहे हैं. समिति ने इस बार पूजा के आयोजन को भव्य बनाने के साथ-साथ श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए भी विशेष इंतजाम किए हैं.
पूजा और कार्यक्रम की तिथियां:
3 अक्टूबर को कलश स्थापना के साथ पूजा की शुरुआत होगी. इस दिन मां दुर्गा का आह्वान किया जाएगा और पूजा का विधिवत शुभारंभ किया जाएगा.
11 अक्टूबर को अष्टमी और नवमी की पूजा होगी, जो दुर्गा पूजा का सबसे पवित्र दिन माना जाता हैं. इस दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी और बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद हैं.
12 अक्टूबर को विजय दशमी का पर्व मनाया जाएगा. इस दिन रावण दहन का कार्यक्रम भी रखा गया है, जो हर साल इस पूजा का मुख्य आकर्षण रहता हैं रावण दहन के दौरान श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित रहेंगे.
दुर्गा जी का आगमन और गमन: बनारस पंचांग के अनुसार इस साल मां दुर्गा का आगमन नाव पर और गमन कुकुट (मुर्गे) पर होगा, जबकि बंगाली पंचांग के अनुसार आगमन डोला (पालकी) पर और गमन घोटक (घोड़ा) पर बताया गया हैं. पंडितों का मानना है कि इस वर्ष देवी का आगमन और गमन शुभ नहीं है और यह कुछ अशुभ संकेत दे सकता हैं. पूजा समिति ने 14 अक्टूबर को विसर्जन का निर्णय लिया हैं.
सुरक्षा और व्यवस्था: पूजा समिति ने भक्तों की सुरक्षा और सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं. स्थानीय पुलिस प्रशासन के साथ समन्वय करके सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बनाया गया हैं. रावण दहन और विसर्जन के समय भी सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए गए है ताकि कोई अव्यवस्था न हो. समिति ने पंडाल के आस-पास साफ-सफाई और यातायात व्यवस्था को भी सुचारू रखने के लिए स्वयंसेवकों को तैनात किया हैं.
पूजा समिति हर साल की तरह इस बार भी सामाजिक जिम्मेदारी निभाने का प्रयास कर रही हैं. समिति के सदस्य न केवल पंडाल निर्माण और पूजा-अर्चना में शामिल है बल्कि समाज के हित में भी काम कर रहे हैं. समिति ने साफ-सफाई, पर्यावरण संरक्षण और जागरूकता फैलाने के लिए विशेष अभियान भी चलाए हैं.