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रांची/डेस्क: आज के जमाने में UPI पेमेंट का इस्तेमाल लगभग हर कोई कर रहा है. आज कल छोटे से छोटे दुकानों से लेकर बड़े-बड़े शौपिंग मॉल हर जगह UPI पेमेंट करने की सुविधा है. अब इंसान कैश रखने के बजाय ऑनलाइन UPI पेमेंट करना ज्यादा प्रेफर करता है. अगर आप भी UPI पेमेंट का इस्तेमाल करते है, तो यह खबर आपके लिए है. NPCI ने UPI पेमेंट को लेकर बड़े बदलाव किए है, जिसे आपको जानना बहुत जरूरी है.
आपको बता दें कि ट्रांजेक्शन ID जनरेट करने के लिए 1 फरवरी से कोई भी UPI ऐप स्पेशल कैरेक्टर यूज नहीं कर पाएगी. ट्रांजेक्शन ID में अगर कोई ऐप स्पेशल कैरेक्टर यूज करेगी तो सेंट्रल सिस्टम उस पेमेंट को कैंसिल कर देगा. NPCI (नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) बिजनेस यूजर्स के लिए ये दिशानिर्देश जारी किए थे, लेकिन आम ग्राहकों पर भी इसका असर पड़ने वाला है.
क्यों किया जा रहा है बदलाव?
UPI ट्रांजेक्शन ID जनरेट करने की प्रोसेस को स्टैंडर्ड बनाने के लिए NPCI ने सभी कंपनियों से ट्रांजेक्शन ID में केवल अल्फान्यूमेरिक कैरेक्टर ही जोड़ने के आदेश दिए हैं. 1 फरवरी 2025 से ये आदेश लागू हो जाएंगे. ऐसे में अगर कोई भी UPI पेमेंट ऐप इस आदेश का पालन नहीं करता है, तो उस ऐप से हुए UPI के पेमेंट पूरी नहीं होगी. ऐसे में ऐप्स पर ही आदेश का पालन करने की जिम्मेदारी दी गई है,.
साल 2024 में भी जारी हुए थे आदेश
इस प्रोसेस को स्टैंडर्ड बनाने के लिए NPCI ने पहले भी ये आदेश जारी किए थे. पिछले साल यानी साल 2024 के मार्च महीने में ID को 35 कैरेक्टर बनाने का आदेश दिया गया था. इससे पहले 4 से लेकर 35 कैरेक्टर तक ही ट्रांजेक्शन ID होते थे. ऐसे में इसे देखते हुए ट्रांजेक्शन ID 35 कैरेक्टर का जनरेट करने की बात की गई थी.