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रांची/डेस्क: पूरी दुनिया कोरोना महामारी को एक बुरे सपने की तरह भूलना चाहती है. पर आज भी कोरोना किसी न किसी रूप में हमारा पीछा कर रहा है. हर दूसरे दिन दिन हम सुनते हैं कि कोरोना के नए-नए वेरिएंट ने दस्तक दे दी है. वहीं हाल ही में हुए एक स्टडी की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार कोरोना महामारी के दौरान जन्म लेने वाले बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास दूसरे बच्चों के मुकाबले काफी धीमा हो रहा है.
स्कूल में बच्चों को हो रही है परेशानी
रिसर्च के मुताबिक कोरोना काल में जन्म लेने वाले बच्चे प्री-स्कूल और प्ले स्कूल में जाने के लायक हो गए हैं. पर उनमें महामारी के तनाव का असर साफ देखने को मिल रहा है. कई ऐसे भी बच्चे हैं जिन्हें स्कूल में या घर में कुछ भी बोलने या समझने में परेशानी हो रही है. ऐसे बच्चे स्कूल में भी बिल्कुल चुपचाप बैठे हुए रहते हैं. वह ठीक से पेंसिल तक नहीं पकड़ पा रहे हैं. कई शिक्षकों, पैरेंट्स व बच्चों के डॉक्टर के इंटरव्यू में यह बात सामने आई है कि कोरोना काल में जन्में बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास की गति काफी धीमी हो गई है. ऐसे बच्चों को फोटो या पिक्चर पहचानने और अक्षरों को पहचानने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. वह अपनी जरूरत भी अच्छे से नहीं बता पा रहे हैं. साथ ही वह पेंसिल भी सही से नहीं पकड़ पा रहे हैं.