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रांची/डेस्कः लोकसभा चुनाव के तारीखों के ऐलान के बाद ही पूरे देश में आदर्श आचार संहिता लागू है. देश में 7 चरणों में चुनाव होना है जिसमें से अबतक दो चरणों में मतदान हो चुका है अब 5 चरणों में चुनाव होना बाकी रह गया है. इस बीच देश की राजधानी दिल्ली से एक बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल, पीएम मोदी के खिलाफ आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का हवाला देते हुए 6 सालों के लिए उन्हें चुनाव लड़ने से आयोग्य घोषित करने की मांग वाली याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. बता दें, याचिकाकर्ता ने उत्तर प्रदेश में एक चुनावी सभा में अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से कहा था यूपी के पीलीभीत में अपने भाषण के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट रूप से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है और इस तरह भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए के तहत अपराध किया है.
मामले में एडवोकेट आनंद एस जोंधले ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए पीएम मोदी को 6 साल के लिए चुनाव लड़ने से आयोग्य घोषित करने की मांग की थी. जिसपर न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की एकल पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता 'पहले ही मान बैठा है' कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है. किसी भी शिकायत पर विशेष दृष्टिकोण अपनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग को निर्देश जारी नहीं कर सकता. कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग से याचिकाकर्ता पहले ही संपर्क कर चुका है याचिकाकर्ता की शिकायत पर आयोग स्वतंत्र रुप से विचार कर सकता है. वहीं मामले में सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग की तरफ से कोर्ट मं पेश हुए वकील सिद्धांत कुमार ने अपने पक्ष में कहा शिकायत का संज्ञान लेकर कार्रवाई की जाएगी और इस संबंध में जरूरी आदेश पारित किए जाएंगे.
बता दें, याचिकाकर्ता ने अपने दायर याचिका में कहा था कि 6 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के पीलभीत में पीएम मोदी ने एक चुनावी जनसभा में संबोधन के दौरान हिंदू देवताओं और सिख गुरुओं का जिक्र किया था. उन्होंने पीलभीत से बीजेपी उम्मीदवार जितिन प्रसाद के समर्थन में रैली के दौरान कहा था, 'उन्होंने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को अस्वीकार करके राम लला का अपमान किया. समारोह में शामिल होने वाले उनकी पार्टी के लोगों को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया गया. इंडिया ब्लॉक में शामिल पार्टियों ने हमेशा अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से नफरत की है.' आगे उन्होंने कहा था कि इंडिया गुट ने 'शक्ति' को नष्ट करने का फैसला किया है. राहुल गांधी के बयानों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा था, कि 'आज पूरे देश में जिस शक्ति की पूजा हो रही है, कांग्रेस ने उसका अपमान किया है. शक्ति का कोई भी उपासक कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेगा.' उन्होंने आगे बताते हुए कहा कि 17 मार्च 2024 को मुंबई के शिवाजी पार्क में कांग्रेस ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा के समापन के अवसर पर रैली का आयोजन किया था. जिसमें में राहुल ने कहा था, 'हिंदू धर्म में शक्ति शब्द होता है. हम शक्ति (BJP) से लड़ रहे हैं, एक शक्ति से लड़ रहे हैं. अब सवाल उठता है, वो शक्ति क्या है? जैसे किसी ने यहां कहा- राजा की आत्मा ईवीएम में है. सही है, सही है. राजा की आत्मा ईवीएम में है. हिंदुस्तान की हर संस्था में है. ईडी में है, सीबीआई में है, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में है.'