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प्रधानमंत्री का नया 15-सूत्री कार्यक्रम में नवनियुक्त सदस्यों के साथ उपायुक्त-सह-अध्यक्षा ने की बैठक

अल्पसंख्यक समुदायों के कल्याण हेतु प्रखंड स्तरीय कमिटी का करे गठन- डीसी
प्रधानमंत्री का नया 15-सूत्री कार्यक्रम में नवनियुक्त सदस्यों के साथ उपायुक्त-सह-अध्यक्षा ने की बैठक
कृपा शंकर/न्यूज11 भारत

बोकारो/डेस्कः अल्पसंख्यको के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री का नया 15-सूत्री कार्यक्रम में नवनियुक्त सदस्यों के साथ उपायुक्त-सह-अध्यक्षा विजया जाधव की अध्यक्षता में सोमवार को समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में बैठक आयोजित की गई. उपायुक्त-सह-अध्यक्षा, 15-सूत्री कार्यक्रम विजया जाधव ने प्रधानमंत्री द्वारा अल्पसंख्यकों के कल्याण हेतु नवगठित 15 सूत्री कार्यक्रम की सभी नवनियुक्त सदस्यों के साथ जिला स्तर पर पहली बैठक की. बैठक में सभी सदस्यों को संचालन हेतु प्रस्ताव देने को कहा. साथ ही जिला कल्याण पदाधिकारी को निदेश दिया कि अल्पसंख्यक समुदायों के कल्याण हेतु प्रखंड स्तरीय कमिटी गठित कर, सभी प्रखण्ड स्तरीय समिति के सदस्यों के बैठक कर उनसे प्रस्ताव प्राप्त करें. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अल्पसंख्यक समुदायों के लाभार्थियों को सरकार द्वारा प्रायोजित विभिन्न योजनाओं के साथ-साथ अन्य योजनाओं में प्राथमिकता वाले ऋणों के तहत बैंक क्रेडिट का उचित लाभ मिले सके.

 

बैठक में मुख्य रूप से जिला परिषद अध्यक्षा सुनीता देवी,  गिरिडीह सांसद प्रतिनिधि, सांसद धनबाद प्रतिनिधि, बोकारो विधायक प्रतिनिधि, चंदनकियारी विधायक प्रतिनिधि, गोमिया विधायक प्रतिनिधि, बेरमो विधायक प्रतिनिधि, चास प्रखंड प्रमुख बेला देवी, शकील अहमद अंसारी, निजाम अख्तर अंसारी, फैयाज आलम, उप विकास आयुक्त गिरिजा शंकर प्रसाद, अपर समाहर्ता मुमताज अंसारी, जिला कल्याण पदाधिकारी नीली सरोज कुजुर उपस्थित थे.




अल्पसंख्यक समुदायों छात्र-छात्रों को छात्रवृत्ति में दे प्राथमिकता-

श्रीमती जाधव ने जिला कल्याण पदाधिकारी से कहा है कि मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के अंतर्गत ऑनलाइन आवेदन को बढ़ाएं, ताकि छात्र-छात्राओं को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके. साथ ही उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक छात्रों के लिए छात्रावास में सभी तरह की सुविधा उपलब्ध हो एवं उक्त अल्पसंख्यक समुदायों छात्रों को छात्रवृत्ति में प्राथमिकता देने का निर्देश दिया गया. साथ ही उन्होंने कहा कि भारत सरकार के अल्पसंख्यको के दायरे में आने वाले मुस्लिम, सिख, इसाई, बौद्ध एवं जैन समाज के लोगों को 15 सूत्री कार्यक्रम की योजनाएं से लाभान्वित करने हेतु जिला जनसंपर्क कार्यालय बोकारो के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार करवाने की बात कही. ताकि उक्त समुदाय के लोगों को ज्यादा से ज्यादा जानकारी हो तथा योजना से लाभान्वित हो सके.

 

अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री का नया 15 सूत्री योजनाएँ/कार्यक्रम-

एकीकृत बाल विकास सेवाओं की समुचित उपलब्धता, विद्यालयीन शिक्षा की उपलब्धता को सुधारना, उर्दू शिक्षण के लिये और अधिक संसाधन, मदरसा शिक्षा आधुनिकीकरण, अल्पसंख्यक समुदाय के मेधावी विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति, मौलाना आजाद शिक्षा प्रतिष्ठान के माध्यम से शैक्षिक अधोसंरचना को उन्नत करना, गरीबों के लिए स्वरोजगार एवं मजदूरी रोजगार योजना, तकनीकी शिक्षा के माध्यम से कौशल का उन्नयन, आर्थिक क्रियाकलापों के लिए अभिवृद्धित ऋण सहायता, राज्य एवं केंद्रीय सेवाओं में भर्ती, ग्रामीण आवास योजना में उचित हिस्सेदारी, अल्पसंख्यक समुदायों वाली मलिन (गंदी) बस्तियों की स्थिति में सुधार, सांप्रदायिक घटनाओं की रोकथाम, सांप्रदायिक अपराधों के लिये अभियोजन, सांप्रदायिक दंगों के पीड़ितों का पुनर्वास शामिल है.

 

एकीकृत बाल विकास सेवा योजना का उद्देश्य है-

उपेक्षित वर्गों के बच्चों, गर्भवती महिलाओं का संपूर्ण विकास के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से सेवाएं उपलबध करायी जाती हैं. जैसे पोषण, स्वास्थ्य जांच, प्रतिरक्षीकरण, औपचारिक व अनौपचारिक शिक्षा आदि. आईसीडीएस प्रोजेक्ट और आंगनबाड़ी केंद्र पर निश्चित संख्या में अल्पसंख्यक घनी आबादी वाले गांवों/प्रखंडों में स्थापित किए जाएंगे. ताकि इस योजना का लाभ ऐसे समुदायों को भी उचित रूप से मिल सके.

 

विद्यालयीन शिक्षा की उपलब्धता को सुधारना-

सर्व शिक्षा अभियान, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजनाओं और ऐसी अन्य सरकारी योजनाओं के अंतर्गत, यह सुनिश्चित किया जायेगा कि ऐसे विद्यालयों की एक निश्चित संख्या अल्पसंख्यक समुदायों की घनी जनसंख्या वाले गांवों/क्षेत्रों में स्थापित की जाए. वहीं, प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में उर्दू भाषा के अध्यापकों की भर्ती एवं तैनाती के लिये केंद्रीय सहायता प्रदान की जाएगी, जो इस भाषा वर्ग से संबंधित कम-से-कम एक चौथाई जनसंख्या की सेवा करते हैं. इसके साथ ही सरकार, मौलाना आजाद शिक्षा प्रतिष्ठान को सभी संभव सहायता देगी. ताकि यह अपने कार्यकलाप को अधिक प्रभावी रूप से सुदृढ़ व्यापक कर सके.




मदरसा शिक्षा आधुनिकीकरण-

एरिया इंटेसिव और मदरसा आधुनिकीकरण कार्यक्रम की केंद्रीय योजनान्तर्गत स्कीम में शैक्षिक रूप से पिछड़े अल्पसंख्यकों की घनी आबादी वाले क्षेत्रों में मूल शैक्षिक अधोसंरचना तथा मदरसा शिक्षा के आधुनिकीकरण के लिए प्रावधान है. इस आवश्यकता पर ध्यान देने के महत्व को देखते हुए, यह कार्यक्रम पर्याप्त रूप से सुव्यवस्थित व प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा. वहीं, अल्पसंख्यक समुदायों के विद्यार्थियों के लिये मैट्रिक पूर्व और मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना बनायी एवं कार्यान्वित की जाएगी. 

 


 

गरीबों के लिए स्वरोजगार एवं मजदूरी रोजगार योजना-

(क) स्वर्ण जयंती ग्राम योजना ग्रामीण क्षेत्रों के लिए प्राथमिक स्वरोजगार कार्यक्रम के उद्देश्य गरीब ग्रामीण परिवारों को गरीबी रेखा से ऊपर लाना है. ऐसा, बैंक ऋण और सरकारी सहायता के द्वारा किया जाता है. इस योजना के अंतर्गत आर्थिक और भौतिक लक्ष्यों का कुछ प्रतिशत, ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी की रेखा से नीचे रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्तियों के लिए निर्धारित किया जाएगा.

(ख) स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना (एस एस आर वाय) के दो मुख्य घटक हैं-

पहला शहरी स्वरोजगार योजना (यू एस ई पी) और

दूसरा शहरी मजदूर रोजगार कार्यक्रम (यू डब्ल्यू ई पी). इन कार्यक्रमों के अंतर्गत भौतिक और आर्थिक लक्ष्यों का कुछ प्रतिशत अल्पसंख्यक समुदायों के गरीबी की रेखा से नीचे रहने वाले लोगों के लिए सुविधा प्रदान करने के लिए निर्धारित किया जाएगा.

 

(ग) संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना (एस.जी.आर.वाय.) का उद्देश्य है, ग्रामीण क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराना. साथ ही एक टिकाउ समुदाय व सामाजिक आर्थिक अधोसंरचना का निर्माण करना. चूंकि राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी कार्यक्रम 200 जिलों में शुरू किया गया है तथा इन जिलों में संपूर्ण ग्रामीण रोजगार याजना को इस कार्यक्रम के साथ मिला दिया गया है. बचे हुए जिलों में संपूर्ण ग्रामीण योजना के अंतर्गत आवंटन का निश्चित प्रतिशत गरीबी की रेखा से नीचे रहने वाले अल्पसंख्यक समुदायों के व्यक्तियों के लिए कुछ समय तक निर्धारित किया जाएगा. जब तक इन जिलों को राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रमों के अंतर्गत शामिल नहीं कर लिया जाता है. साथ ही आवंटन का निश्चित प्रतिशत ऐसे गांवों में आधारभूत संरचना के निर्माण के लिए निर्धारित किया जाएगा, जिनमें अल्पसंख्यक समुदायों की काफी आबादी है.

 

तकनीकी शिक्षा के माध्यम से कौशल का उन्नयन-

अल्पसंख्यक समुदायों की जनसंख्या का एक बडा भाग निम्न श्रेणी के तकनीकी कार्यों में संलग्न है या दस्तकारी द्वारा अपनी उपजीविका कमाता है. ऐसे लोगों के लिये तकनीकी प्रशिक्षण की व्यवस्था कर दिये जाने से उनकी कौशल और उपजीविका क्षमता बढ़ जाएगी. इसलिये सभी नए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में से कुछ संस्थान अल्पसंख्यक समुदायों की बहुलता वाले क्षेत्रों में स्थापित किए जाएंगे. उत्कृष्टता केंद्रों' के रूप में उन्नत किये जाने वाले मौजूदा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में से कुछ संस्थानों का उन्नयन उसी आधार पर किया जाएगा.

 

आर्थिक क्रियाकलापों के लिए अभिवृद्धित ऋण सहायता-

(क) राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम (एन.एम.डी.एफ.सी.) को 1994 में स्थापित किया गया. इसका उद्देश्य, अल्पसंख्यक समुदायों में आर्थिक विकास की गतिविधियों को बढ़ावा देना था. सरकार इस निगम को अधिक सामान रूप से सहायता देकर इसे सुदढ़ बनाने के लिए वचनबद्ध है, जिससे कि यह निगम अपने उद्देश्यों को पूर्णतः प्राप्त कर सकेगा.

 

(ख) स्वरोजगार योजना के निर्माण और उसे बनाये रखने के लिए बैंक ऋण आवश्यक है. प्राथमिकता क्षेत्र ऋण के लिए कुल बैंक ऋण का 40 प्रतिशत लक्ष्य घरेलू बैंकों के लिए निश्चित किया गया है. इन प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में, अन्य बातों के साथ शामिल है - खेती के लिए ऋण, लघु उद्योगों एवं छोटे काम-धंधों के लिए ऋण, फुटकर व्यवसाय (रिटेल ट्रेड) व्यावसायिक व स्वरोजगार वाले व्यक्तियों के लिए ऋण, शिक्षा के लिए ऋण, घर के लिए ऋण व अन्य छोटे ऋण. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी श्रेणियों में प्राथमिकता क्षेत्रों में दिये जाने वाले ऋण का निश्चित प्रतिशत अल्पसंख्यक समुदायों के लिए है.

 

राज्य एवं केंद्रीय सेवाओं में भर्ती-

(क) राज्य सरकार को यह सलाह दी जाएगी कि पुलिस कार्मिकों की भर्ती करते समय अल्पसख्ंयक समुदायों के अभ्यार्थियों पर विशेष रूप से विचार किया जाए. इसके लिए चयन समितियों में अल्पसंख्यक प्रतिनिधियों की भागीदारी होनी चाहिए.

(ख) केंद्र शासन केंद्रीय पुलिस बलों में कार्मिकों की भर्ती करते समय इसी प्रकार की कार्रवाई करेगी.

(ग) रेलवे, राष्ट्रीयकृत बैंकों और पब्लिक सेक्टर उद्यमों द्वारा बड़े स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जाते हैं. इन मामलों में भी, संबंधित विभाग ये सुनिश्चित करेंगे कि भर्ती करते समय अल्पसंख्यक समुदायों के अभ्यार्थियों पर विशेष ध्यान दिया जाता है. (घ) अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों को सरकारी व विश्वसनीय गैर सरकारी संस्थाओं में कोचिंग प्रदान करने के लिए एक विशेष योजना शुरू की जाएगी, जिसमें इन संस्थाओं को सहायता दी जाएगी. (ड.) अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्तियों के जीवन स्तर की दशा में सुधार करना.

 

ग्रामीण आवास योजना में उचित हिस्सेदारी-

आवास योजना में गरीबी की रेखा से नीचे रहने वाले ग्रामीण लोगों के लिए आवास हेतु आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की व्यवस्था है. आवास योजना के अंतर्गत भौतिक व आर्थिक लक्ष्यों का निश्चित प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदायों के लिये निर्धारित किया जाएगा.

 

अल्पसंख्यक समुदायों वाली मलिन (गंदी) बस्तियों की स्थिति में सुधार-

एकीकृत आवास एवं मलिन (गंदी) बस्ती विकास कार्यक्रम और जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण कार्यक्रम की योजनाओं के अंतर्गत, केंद्रीय सरकार शहरी मलिन (गंदी) बस्तियों के विकास के लिए राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों को सहायता देती है, जिससे इन बस्तियों में जन सुविधायें और मूल सेवायें उपलब्ध कराई जाती हैं. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इनके कार्यक्रमों के लाभ अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों तथा इन समुदायों की घनी आबादी वाले नगरों/मलिन (गंदी) बस्तियों को उचित रूप से मिलें.




सांप्रदायिक घटनाओं की रोकथाम-

सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील और दंगा संभावित के रूप में किये गये क्षेत्रों में अत्यधिक कुशल, निष्पक्ष और धर्मनिरपेक्ष जिला एवं पुलिस अधिकारियों को नियुक्त किया जाना चाहिए. ऐसे क्षेत्रों में और अन्य कहीं भी सांप्रदायिक तनाव को दूर करना जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की प्राथमिक ड्यूटियों में शामिल होना चाहिए. इस संबंध में इनका कार्य निष्पादन इनकी पदोन्नति नियमित करने में एक महत्वपूर्ण कारक होना चाहिए.

सांप्रदायिक अपराधों के लिये अभियोजन-

उन लोगों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए जो सांप्रदायिक दंगे भड़काते हैं अथवा हिंसा करते हैं. इसके लिए विशेष न्यायालय स्थापित किये जाने चाहिए ताकि अपराधियों को शीघ्रता से सूचीबद्ध किया जा सके. वहीं, सांप्रदायिक दंगों के पीड़ितों को तत्काल राहत दी जानी चाहिए तथा उनकी पुनर्वास के लिये उपयुक्त वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जानी चाहिए.
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