अरुण बरनवाल/न्यूज़11 भारत
धनबाद/डेस्क: धनबाद के शहरी इलाकों में कालदूत बन कर घूम रहे सांड़ नगर निगम के लिए सरदर्द बन चुके है. इन सांड़ों को पकड़कर कहां रखा जाए, निगम को यह समझ नहीं आ रहा है. आवारा सांड़ों को शेल्टर तैयार करने के आश्वासन के बाद तैयार कतरास गौशाला में तकनीकी अड़चन पैदा हो गई है, तो झरिया गौशाला ने साफ हाथ खड़ा कर दिया है.
धनबाद नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत धनबाद व अन्य शहरी इलाकों में बेखौफ और कालदूत बन कर सांड़ों का दल घूम रहा है. भीषण गर्मी और लोगों के बीच घूम रहे इन सांड़ों का दिमाग कब गर्म हो जायेगा, किसी को पता ही नहीं चल पायेगा. उसके बाद यदि आप उसकी चपेट में आ गये तो फिर भगवान ही आपका मालिक होगा. आप या तो हड्डी तुड़वाकर किसी अस्पताल में होंगे या फिर भगवान के दरबार में. कालदूत के रूप में घूम रहे सांड़ों ने पूरे जिले में अब तक दर्जनों लोगों को भगवान के पास भेज दिया है. सकलदेव राम समेत निगम क्षेत्र की दर्जनों जनता ने इन कालदूतों से राहत दिलाने की मांग की है.
सांड़ के आतंक से परेशान जनता की शिकायत पर नगर निगम ने एक को पकड़कर झरिया गौशाला पहुंचा दिया था, परंतु खतरनाक और हिंसक रूप अख्तियार कर उसने गौशाला के कर्मियों और दूसरे जानवरों को घायल कर दिया. फलतः उसे छोड़ दिया गया. झरिया गौशाला के प्रबंधक संपत सिंह ने नगर निगम से इन सांड़ों के लिए अलग व्यवस्था देने की मांग की है.
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सांड़ों के बढ़ते आतंक से नगर निगम भी खासा चिंतित है. हीरापुर क्षेत्र में कई लोगों की जान लेना वाले हिंसक सांड़ को कतरास गौशाला पहुंचा दिया गया है. लेकिन उनके रहने के लिए कतरास गौशाला में अलग बाड़ा निर्माण कराने में उनके समक्ष तकनीकी अड़चन आ गई है. चूंकि कतरास गौशाला ग्रामीण इलाके में है, जहां निगम के पैसे का उपयोग नहीं किया जा सकता. फलतः निगम एक बार फिर झरिया गौशाला की ओर देख रहा है. इसके लिए नगर आयुक्त रविराज शर्मा ने झरिया गौशाला में जल्द से जल्द बाड़ा का निर्माण कराकर शहरी क्षेत्र में घूम रहे सांड़ों को वहां शिफ्ट कराने की बात कही है.
बहरहाल सरकारी व्यवस्था में काम कितनी गति से होगा, इसका तो सबको पता है. और तब तक लोगों को उपर वाले से यह मिन्नत और दुआ मांगते रहने होगा कि कभी भी उनका सामना इन कालदूतों से न हो.