प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: मनरेगा कूप निर्माण के स्थान पर सरकार द्वारा बिरसा कूप योजना लाई गई. इसका प्राक्कलन राशि 3 लाख 95 हजार रूपए है. जबकि मनरेगा कूप का प्राक्कलन राशि लगभग 4 लाख 81 हजार रुपया है. राशि कम होने की वजह से बिरसा कूप को कोई किसान लेना नहीं चाहते थे. पंचायतों में इक्का-दुक्का ही रेकड खुल रहा था, तब ग्राम सभा में मनरेगा कर्मियों व प्रतिनिधियो द्वारा यह बताया जाने लगा कि सरकार की इस योजना में कूप खुदाई पूरा होते ही लाभुक के खाते में 50 हजार रुपया जमा कर दिया जाएगा. इसके बाद किसानों ने बिरसा कूप का रेकड खुलवाकर कूप का खुदाई शुरू किया. प्रखण्ड के कई लाभुक नाम न लिखने की शर्त पर बताया कि इचाक प्रखण्ड में लगभग दर्जनो कूप की खुदाई करा ली गई है. यहां तक कि कूप की बंधाई भी कर ली गई है. बावजूद आज तक 50 हजार की एक मुश्त राशि लाभुकों के खातों में नहीं आई है. किसान अपने आप को ठगा महसूस कर रहे है.
कुरही पंचायत की मुखिया संगीता देवी ने बताया कि प्रखण्ड मुख्यालय का रवैया सही नहीं है, जिसका परिणाम लाभुक भुगत रहे है. व्यवस्था के खिलाफ आंदोलन की जरूरत है. वहीं देवकुली मुखिया मंजू देवी, डाढ़ा पंचायत के मुखिया सुनीता मेहता ने बताया कि ग्राम सभा में पंचायत के सरकारी कर्मियों द्वारा बताया गया था कि 50 हजार रुपये एक मुश्त लाभुक के खाता में भेजा जाएगा. परन्तु अब बोला जा रहा है कि जब 1 लाख रुपया लेबर का भुगतान होगा तब 50 हजार की राशि मिलेगा. अब समस्या यह है कि किसान न तो रोज ब्लॉक जा सकते है और न ही लेबर का भुगतान के लिए डिमांड करवा पाते है. इसमें प्रखण्ड मुख्यालय की कार्य में धीमी के कारण किसानों को आर्थिक समस्या से जूझना पड़ रहा है.
बीपीओ राजीव आनंद से पूछे जाने पर बताया कि इचाक प्रखंड में साढ़े 4 सौ लगभग बिरसा कूप का लक्ष्य था. इसके विरुद्ध 3 सौ 51 कूप निर्माण का कार्य चल रहा है. 50 हजार लाभुकों के खाते में दिए जाने की बात है. वह 25 फीट की खुदाई करने पर लाभुक की ओर से रिपोर्ट मिलने के बाद 30-35 फीट होते-होते लाभुक के खाते में 50 हजार की राशि दे दी जाएगी.