प्रशांत शर्मा/न्यूज11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: झारखंड विधानसभा की घोषणा क्या हुई, टिकट के दावेदारों ने दिल्ली में डेरा जमा रखा है. जिले की हर सीट पर जबरदस्त रस्साकशी मची हुई है. लेकिन सबसे लॉबिंग कर हाल यह है कि इस सीट के टिकट ने अब उन चेहरों को भी बेनकाब कर दिया है जो लॉबिंग करने में कल तक एक दूसरे के पक्ष में खड़े थे. कौन किधर है और किसके समर्थन में है, इस चुनाव ने यह सारा भेद जिस तरह खोलकर रख दिया है, वह आने वाले समय में आपसी रंजिश की बड़ी वजह बनेगी, यह तो तय है. लेकिन इन सब के बीच इस लॉबिंग के खेल में एक दूसरे को शह और मात देने के लिए जो खेल खेला जा रहा है, उसमें सभी एक दूसरे का पोल खोलने में लगे हैं. स्थिति यहां तक पहुंच चुकी है कि जब किसी का नाम टिकट के दावेदारों की सूची में ऊपर दौड़ने लग जा रहा है तो पिछड़ गए लोग अपने समर्थकों की मदद से ऐसे दावेदारों की कमजोर नस को दबाना शुरू कर दे रहे हैं. जिसमें पुराने सारे रिकार्ड के साथ चरित्र हनन तक ट्वीट मेल के जरिये कर डाल रहे हैं. ऊपर से नाम उछलने के साथ इस सीट के टिकट के लिये डाक तक लगने लग जा रही है और यह स्थिति ऊपर तक सभी को हैरान कर जा रही है. ट्वीट, मेल, डाक और इन सब के बीच सीट के दावेदार को लेकर पार्टी के शीर्ष नेताओं की चुप्पी के कारण इस सीट पर कोई नीचे से ऊपर हो रहा है तो कोई ऊपर से नीचे. ऐसे में सीट के मजबूत दावेदारों में भी अब कन्फ्यूजन पैदा होने के साथ उनका कॉन्फिडेंस भी डगमगाता दिख रहा है, क्योंकि कोई भी निश्चित नहीं है कि सदर सीट से कब अगले पल क्या खेल हो जाए. अन्य सीटों का भी हाल एक जैसा ही है. जब तक पार्टी की ओर से प्रत्याशियों का एलान नहीं होगा भ्रम की यह स्थिति शायद ही खत्म होगी और तब तक अंतिम प्रयास भी दावेदारों का जारी रहेगा.