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रांची/डेस्क: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और ओडिशा के पूर्व राज्यपाल रघुवर दास ने आज भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सदस्यता ग्रहण की. प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने खुद रघुवर दास को पार्टी की सदस्यता दिलाई. इस खास अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, डॉ रविंद्र कुमार राय, नागेंद्र त्रिपाठी, कर्मवीर सिंह, राकेश प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहें.
बता दे कि, रघुवर दास ने ओडिशा के राज्यपाल पद की शपथ लेने से पहले भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था क्योंकि राज्यपाल रहते हुए किसी भी व्यक्ति को राजनीतिक दल का सदस्य नहीं रह सकते हैं. अब राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के बाद रघुवर दास एक बार फिर से भारतीय राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए पार्टी में वापस लौट रहे हैं. उनके इस कदम से उनके समर्थकों में उत्साह की लहर दौड़ गई हैं. नगाड़ों की धुन के साथ समर्थकों ने उनका स्वागत किया.
पूर्व मुख्यमंत्री और ओडिशा के पूर्व राज्यपाल रघुवर दास का संबोधन
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपने संबोधन की शुरुआत सभी को झारखंड जोहार कहकर किया. उन्होंने आगे कहा "भगवान बिरसा मुंडा की धरती हैं. श्रद्धहे भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के अथक प्रयास से झारखंड बना हैं. ऐसा लग रहा मानो मां के आंचल तले वापस आया हूं. बूथ स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक के कार्यकर्ता ने मेहनत की लेकिन आशा के अनुरूप सफलता नही मिली. हमने वो दिन भी देखा है, जब मात्र दो सांसद थे पर हमे निराश होने की जरूरत नही हैं. We will come back soon."
उन्होंने आगे अपने संबोधन में कहा "आज 10 जनवरी का दिन ऐतिहासिक दिन हैं. भारतीय जनता पार्टी का 2019 के बाद दूसरी बार सदस्यता ले रहा हूं. राज्यपाल बनने से पूर्व मैंने सदस्यता से इस्तीफा दिया था, उस समय मुझे काफी दुख हुआ था. सभी झारखंड के नेता कार्यकर्ताओ के प्रति आभार प्रकट करता हूं. चुनाव में हार जीत होती है लेकिन हमें चलते रहना हैं. सत्ता प्राप्त करना हमारा उद्देश्य नही हैं. झारखंड की जनता ने जो जनादेश दिया, भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता होने के नाते मैं जनादेश का सम्मान करता हूं. 5-6 महीने का समय सरकार को देना चाहिए उनके कार्यो को देखना चाहिए. हम सरकार से टकराना नही चाहते लेकिन टकराने से डरते भी नही हैं. सदस्यता अभियान भी राष्ट्र सेवा हैं. कल से 1 घंटा पार्टी के प्रति समर्पित होकर काम करना हैं. जिस पल की मुझे महीनों से आस थी आज उसे आप की उपस्थिति खास बना रही हैं. खत्म करके अपनी जिम्मेदारी का प्रयास घर आया आपका अपना रघुवर दास." इतना कहकर उन्होंने अपना संबोधन समाप्त किया.