कभी नक्सल गतिविधियों के लिए चर्चित चुरचू प्रखंड साहित्य के क्षेत्र में कर रहा झंडा बुलंद
प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: हजारीबाग जिले का चुरचू प्रखंड कभी अति पिछड़ा उग्रवाद प्रभावित इलाके की सूची में आता था लेकिन परिस्थिति के अनुरूप समय के साथ-साथ सब कुछ बदल रहा हैं. गांव देहात से एक से बढ़कर एक हुनर, प्रतिभा बाहर निकल कर आ रहे हैं. छोटा-सा गांव चरही से एक बार नाम रौशन हुआ हैं. आगामी आठ नवंबर से लेकर 09 नवम्बर तक गौतमबुद्ध मंदिर सभागार भुवनेश्वर ओडिशा में तीसरा 'परिचय साहित्य महोत्सव' मनाया गया.
इस महोत्सव में झारखंड राज्य के हजारीबाग जिला के चुरचू प्रखंड के चरही गांव की चर्चित हिंदी, कुड़मालि लेखिका गुलांचो कुमारी ने कुड़माली कविता 'हारउआ', 'सॅंञा गेला मके भुलि' का शानदार काव्यपाठ किया और सम्मानित किया गया. बताते चलें कि यह कार्यक्रम 'प्रयास' संस्था और संस्कृति मंत्रालय ओडिशा सरकार के सहयोग से आयोजित किया गया था. इस गौरवशाली महोत्सव में कुल 26 विभिन्न राज्य के लगभग 150 अतिथि कवि शामिल हुए थे. उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम 'प्रयास' भुवनेश्वर के तहत पिछले तीन साल से आयोजित किया जाता रहा है और विभिन्न-विभिन्न राज्यों के लेखक शामिल होते रहे हैं.
इस बार झारखंड से कुल आठ बहुभाषी लेखक जिसमें गुलांचो कुमारी (कुड़मालि), शिरोमणि राम महतो (हिंदी), नीरज नीर (हिंदी), आलोका कुजूर (कुड़ूख), सुकुमार विश्वकर्मा (खोरठा), महेंद्र बेसरा (संताली), श्याम टुडू (संताली), बासु बिहारी (खोरठा) शामिल होकर अपनी-अपनी भाषाओं में काव्य पाठ किए और सम्मानित किए गए. कार्यक्रम समारोह का विधिवत उद्घाटन अपराजिता सारंगी वर्तमान सांसद भुवनेश्वर, डॉ.रोजलीन मिश्रा परिचय फाउंडर, पद्मश्री डॉ देबी प्रसन्न पट्टनायक, प्रख्यात भाषाविद्, डॉ. प्रफुल्ल कुमार मोहंती, केंद्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता, डॉ प्रसन्न पट्टशानी, प्रख्यात कवि और राजनेता, डॉ. फणी मोहंती, केंद्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त ने किया गया था. इसी की गरीमामयी उपस्थिति पूरे कार्यक्रम में मौजूद रही. फ़िलहाल गुलांचों कुमारी इस सम्मान को लेकर अपनी खुशी जाहिर की है जो पूरे प्रखंड में इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ हैं.