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स्वास्थ्य


Harmful effects of smoking : अगर आपको भी हैं सिगरेट की लत तो हो जाएं सावधान, इसके 10 दुष्प्रभाव जानकार हो जाएंगे हैरान

Harmful effects of smoking : अगर आपको भी हैं सिगरेट की लत तो हो जाएं सावधान, इसके 10 दुष्प्रभाव जानकार हो जाएंगे हैरान
न्यूज़11 भारत

रांची/डेस्क: आजकल के युवाओं में सिगरेट पीना काफी प्रचलित है. वहीं कुछ बुजुर्ग लोग बीड़ी पीना पसंद करते है. एक सामाजिक बुराई के रूप में भी धुम्रपान को देखा जाता है. वहीं ज्यादातर जगहों पर धुम्रपान की निषेध भी किया जाता है. सिगरेट और बीड़ी में सबसे खतरनाक रसायनों का मिश्रण होता है. निकोटीन, टार, कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोजन साइनाइड, फॉर्मलाडीहाइड, आर्सेनिक, अमोनिया, सीसा, बेंजीन, ब्यूटेन, कैडमियम, हेक्सामाइन, टोल्यूनि जैसे धातक रसायन सिगरेट में पाए जाते है. सिगरेट में मौजूद रसायन धुम्रपान करने वालों और उसके आसपास के लोगों के लोगों के लिए बहुत ही हानिकारक होता है. आइए जानते हैं सिगरेट पीने से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार से...

 

1. प्रजनन क्षमता के लिए

धुम्रपान काफी हद तक प्रजनन क्षमता में कमी के लिए जिम्मेदार है. रिसर्च की माने तो  भ्रूण के विकास में पुरुष के शुक्राणुओं और कोशिकाओं की संख्या को धूम्रपान नुकसान पहुंचता है. अगर महिलाएं धुम्रपान करतीं है तो गर्भस्राव या जन्म देने वाले बच्चे में स्वास्थ्य समस्याएं होने की अधिक संभावना होती है. इसके साथ ही धुम्रपान से ओवुलेशन समस्याएं हो सकती है.

 

2. बढ़ाए संधिशोथ

रुमेटीइड गठिया का खतरा नियमित धूम्रपान करने से बढ़ जाता है. जो लोग धुम्रपान नहीं करते है उनके मुकाबले धुम्रपान करने वालों के लिए यह जोखिम दोगुना हो जाता है. वहीं धूम्रपान एक प्रमुख कारण ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डी के फ्रैक्चर भी है. 

 

3. फेफड़ों का कैंसर

फेफड़ो के कैंसर की संभावना सिगरेट पीने से काफी हद तक बढ़ जाती है. एक रिपोर्ट के अनुसार फेफड़े के कैंसर के खतरे और तम्बाकू धूम्रपान के बीच एक मजबूत संबंध है. रिपोर्ट की माने तो जो लोग धुम्रपान नहीं करते है उन्हें भी फेफड़ो के कैंसर का खतरा रहता है. वहीं धुम्रपान करने वाली माहिलाओं को पुरषों के मुकाबले फेफड़ों के कैंसर का खतरा अधिक रहता है. 

 

4. उम्र बढ़ाने की प्रक्रिया करे तेज

धुम्रपान करने वाले लोगों की त्वचा पर समय से पहले झुर्रियां, त्वचा की सुजन, एज स्पॉट्स और फाइन लाइन आ जाती है. इसके साथ ही सिगरेट में मौजूद निकोटिन रक्त वाहिकाओं को कम करती है. इसका मतलब यह है कि आपकी त्वचा की बाहरी परतों पर रक्त प्रवाह कम हो जाती है. रक्त प्रवाह कम होने की वजह से त्वचा को पर्याप्त ऑक्सीजन और मत्वपूर्ण पोषक तत्व नहीं मिलते है. 

 

5. श्वसन समस्या बढ़ जाती है

धुम्रपान करने से शरीर में श्वसन संबंधी समस्याओं जैसे कि अस्थमा और तपेदिक आदि हो सकती है. श्वसन में कमी, खांसी और कफ उत्पादन संबंधी समस्याएं, धुम्रपान से उत्पन्न हो सकतीं हैं. इसके साथ ही धूम्रपान में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड खून में प्रवेश करता है. यह शरीर में ऑक्सीजन की क्षमता को सिमित करता है. इस वजह से कफ बढ़ता है और सांस लेने में कठिनाई होती है. 

 

6. हृदय रोग का खतरा

हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को सिगरेट में मौजूद निकोटीन और अन्य जहरीले रसायन बढ़ा देते है. स्ट्रोक पैरालिसिस, आंशिक अंधापन, बोलने की शक्ति और यहां तक कि मौत भी इसकी वजह से हो सकती है. धुम्रपान नहीं करने वालों के मुकाबले धुम्रपान करने वालों में स्ट्रोक होने की संभावना तीन गुना अधिक होती है. 

 

7. मधुमेह का खतरा

बीड़ी पीने से टाइप-2 मधुमेह होने का खतरा रहता है. इसके साथ ही यह ग्लूकोज चयापचय को भी बिगाड़ता है. इस वजह से टाइप 2 मधुमेह की शुरुआत हो सकती है. इसके साथ ही यह बॉडी मास इंडेक्स स्वतंत्र तंत्र के माध्यम से मधुमेह के खतरे को बढ़ाता है. वहीं गर्भावस्था के दौरान धुम्रपान करने वाली महिलाओं को गर्भस्राव संबंधी मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है. इसके साथ ही बच्चे को बाद में मधुमेह का खतरा हो सकता है. 

 

8. आंखों के लिए

मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, मधुमेह के रेटिनोपैथी और ड्राई आई सिंड्रोम का खतरा धुम्रपान से बढ़ जाता है. आर्सेनिक, फार्मलाडिहाइड और अमोनिया सिगरेट के धुंए में होते है. खून में शामिल होकर यह रसायन नाजुक ऊतकों तक पहुंच जाते हैं. इस वजह से रेटिना कोशिकाओं की संरचना को नुकसान होता है. 

 


 

9. घाव भरने में देरी

निकोटीन, टार, नाइट्रिक ऑक्साइड, हाइड्रोजन साइनाइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और सुगंधित अमाइन, एनोक्सिया, हाइपोक्सिया, व्हेसोकोनस्ट्रक्शन जैसे यौगिक सिगरेट के धुंए में होते है. यह घाव के उपचार को रोकते है. इसके साथ ही धूम्रपान करने वालों में मैक्रोफेज की कमी आती है. यह उपचार में देरी का कारण बनती है. लाल रक्त कोशिकाओं, हड्डी की कोशिकाओं और यहां तक कि सफेद रक्त कोशिकाओं को भी धुम्रपान करने से नुकसान पहुंचता है.  

 

10. डिमेंशिया का खतरा

जो भी पुरुष और महिला धुम्रपान करते है उनमें डिमेंशिया या अल्जाइमर जैसे रोग होने की संभावना सबसे अधिक होती है. मानसिक पतन का अनुभव भी इसमें कर सकते है. मस्तिष्क के लिए सिगरेट में मौजूद निकोटीन हानिकारक होती है. इसके साथ ही डिमेंशिया या अल्जाइमर रोग की शुरूआत को बढ़ाता है.
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