जिनके हाथ में जिले की कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी है, उनके अपने घर की कानून व्यवस्था अब आरोपों के घेरे में
प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: हजारीबाग सदर अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) अशोक कुमार के खिलाफ उनकी पत्नी अनीता कुमारी को जलाकर मारने का गंभीर आरोप लगा हैं. यह आरोप अशोक कुमार के साले राजू कुमार गुप्ता ने लगाया हैं. राजू कुमार गुप्ता का कहना है कि उनकी बहन अनीता कुमारी 65 फीसदी जल चुकी थी. उसका इलाज रांची के देव कमल हॉस्पिटल में चल रहा था, जहां देर रात जिंदगी और मौत से संघर्ष करते हुए दम तोड़ दिया. इधर, थाने में मृतका के परिजनों ने आरोप लगाया है कि एसडीओ का अवैध संबंध किसी और महिला से था, इसका उनकी पत्नी विरोध किया करती थी. उसी महिला की वजह से एसडीओ ने अपनी पत्नी को जलाकर मार डाला.
यह भी बताया जा रहा है कि मृतका के परिजनों और एसडीओ की गांव में एक पंचायती भी हुई थी, जिसमें एसडीओ ने भरोसा दिया था कि अब वे शिकायत का मौका नहीं देंगे. सूत्रों के अनुसार, अधिकारी पति और पत्नी के बीच काफी समय से विवाद चल रहा था. यह विवाद इतना बढ़ चुका था कि मामला थाने और न्यायालय तक पहुंचने की संभावना थी. इसी बीच यह दुखद घटना घटित हो गई. मृतका के भाई राजू कुमार गुप्ता द्वारा लोहसिंघना थाने में दी गई शिकायत में उल्लेख है कि 26 दिसंबर की सुबह करीब 8:45 बजे उन्हें एसडीओ अशोक कुमार का फोन आया. फोन पर अशोक कुमार ने बताया कि आपकी बहन जल गई है और इतना कहकर उन्होंने फोन काट दिया. जब राजू कुमार ने दोबारा फोन किया तो पता चला कि अनीता को हजारीबाग के आरोग्यम हॉस्पिटल से रेफर कर दिया गया है और उसे बोकारो के बीजीएस हॉस्पिटल ले जाया जा रहा हैं. हालांकि, घटना कैसे और कब हुई, इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई.
राजू कुमार गुप्ता ने अपने आवेदन में चार लोगों को आरोपी बनाया है, इनमें अशोक कुमार, सदर एसडीओ, हजारीबाग, दुर्योधन साव, अशोक कुमार के पिता, शिवनंदन कुमार, अशोक कुमार का छोटा भाई, रिंकू देवी, शिवनंदन कुमार की पत्नी शामिल हैं. आवेदन मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी हैं. प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि अनीता कुमारी के शरीर पर जलने के गंभीर निशान है, जो हिंसक घटना की ओर इशारा कर रहे हैं. पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है और मामले की हर पहलू से जांच की जा रही हैं. ज्ञात हो कि सदर एसडीओ अशोक कुमार मूल रूप से सिमरिया, चतरा के निवासी हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान उनका स्थानांतरण बेरमो कर दिया गया था, जहां से वापस आकर उन्होंने यहां अपनी सेवा फिर से शुरू की थी.