प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: जिले के कटकमसांडी के खरिका गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई हैं. 17 सितंबर को पुष्पा देवी की हत्या हुई थी, और 18 सितंबर को उनके भाई बद्री पासवान ने अपनी बहन को ससुराल में ही मुखाग्नि देकर अग्निसंस्कार किया. इस दुःखद घटना में ससुराल पक्ष और गांव के किसी भी व्यक्ति ने हिस्सा नहीं लिया जब रात अधिक हो गई तो पुष्पा के मायकेवाले जलते हुए शव को छोड़कर बिहार के औरंगाबाद के लिए निकल पड़े.
यह दृश्य अत्यंत मार्मिक और पीड़ादायक था, जहां एक भाई को अपनी बहन का अग्निसंस्कार करना पड़ा, जबकि ससुराल पक्ष और गांव के लोग पूरी तरह से अनुपस्थित रहे. मृतका के भाई बद्री पासवान के आवेदन पर कटकमसांडी थाना में कांड संख्या 203/24 के तहत पुष्पा देवी के पति पवन पासवान, गोतनी संगीता देवी, सास कंचन देवी, ससुर लखन पासवान, मामा ससुर विजय पासवान और पंसस अजय पासवान को नामजद आरोपी बनाया गया हैं. इस मामले में कटकमसांडी थाना प्रभारी राजवल्लभ कुमार ने बुधवार को कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की.
पूछताछ के बाद पति पवन पासवान को गिरफ्तार कर गुरुवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया, जबकि बाकी अन्य लोगों को छोड़ दिया गया. सभी आरोपियों को छोड़ दिए जाने पर मृतका के भाई बद्री पासवान ने नाराजगी जताई हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस ने केवल पवन पासवान को गिरफ्तार किया है, जबकि अन्य आरोपी अभी भी स्वतंत्र घूम रहे हैं. बद्री पासवान ने पुलिस प्रशासन पर आरोपियों के प्रति नरमी बरतने का आरोप लगाया है और न्याय की मांग की हैं. मृतका के परिवार वालों ने न्याय की गुहार लगाते हुए कहा कि उन्हें पूरी तरह से न्याय चाहिए. उन्होंने कहा कि केवल पति को गिरफ्तार करने से न्याय नहीं होगा, बल्कि सभी आरोपियों को सजा मिलनी चाहिए. परिवार ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है और कहा कि वे तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक सभी दोषियों को सजा नहीं मिल जाती.
कटकमसांडी थाना प्रभारी राजवल्लभ कुमार ने कहा कि मामले की जांच पूरी गंभीरता से की जा रही हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा और न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे. इस घटना ने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया हैं. गांव के लोग और आस-पास के क्षेत्र के लोग इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त कर रहे हैं. उन्होंने ससुराल पक्ष के इस अमानवीय कृत्य की कड़ी निंदा की है और कहा है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो.
यह घटना केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं है, बल्कि समाज के हर व्यक्ति के लिए एक चेतावनी है कि हमें अपनी बेटियों और बहनों की सुरक्षा के लिए अधिक सतर्क और जागरूक होना होगा. यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि समाज में अभी भी ऐसी मानसिकता और व्यवहार विद्यमान है, जिसे बदलना आवश्यक हैं. पुष्पा देवी को न्याय दिलाने के लिए समाज के हर व्यक्ति को एकजुट होकर खड़ा होना होगा और प्रशासन को भी इस मामले में त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई करनी होगी.