प्रशांत शर्मा / न्यूज11 भारत
हजारीबाग/डेस्क : NEET/UG प्रश्न पत्र लीक मामले में सीबीआई अब नेटवर्क मैपिंग का सहारा लेगी. यह जानकारी मामले की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसी से जुड़े सूत्रों ने दी. बताया की सीबीआई हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के प्राचार्य सह NTA के सिटी कॉर्डिनेटर एहसान उल हक, सेंटर सुपरिटेंडेंट, ब्लू डार्ट कूरियर कंपनी के अधिकारी और कर्मचारियों की नेटवर्क मैपिंग की जांच करेगी. इसके लिए सीबीआई ने संबंधित संदेहियो के मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक गजट आदि अपने कब्जे में ले लिए हैं. इस मामले में बिहार से गिरफ्तार किए गए सभी लोगों के भी मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक गजट आदि सीबीआई के कब्जे में है. सीबीआई अब नेटवर्क मैपिंग के जरिए यह जानने का प्रयास करेगी की क्या पिछले छह महीने से ये सभी संदेही एक दूसरे के संपर्क में थे. बताते चले की नेटवर्क मैपिंग सीबीआई पेपर लीक और संदेहियों को पकड़ने,एक दूसरे की कड़ी दर कड़ी जोड़ने के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल करती है. इस तकनीक का इस्तेमाल कई तरीके से किया जाता हैं, जैसे संदेहियों के बीच आपसी संबंध कब से बने, उनका सोशल मीडिया डाटा क्या है, फोन कॉल रिकॉर्ड कितने हैं, इनके बीच कितनी बार वित्तीय लेनदेन किया गया. सीबीआई इस तकनीक के माध्यम से क्राइम सीन का विश्लेषण करती है. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक पेपर लीक मामले में अभी तक गिरफ्तार किए गए या हिरासत में लिए गए लोगो के तमाम मूवमेंट की जानकारी लेगी, उसके बाद सभी संदेहियों के आपसी संपर्क की जानकारी लेकर उनसे आने वाले तथ्यो से जुड़ी जानकारी हासिल कर उनसे पूछताछ करेगी. पेपर लीक मामले में हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के कनेक्शन की जांच में सीबीआई पहली बार इस तकनीक का इस्तेमाल करेगी.