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रांची/डेस्क: महाकुंभ को लेकर करोड़ों श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है. देश विदेश से लोग महाकुंभ मेले में आकर आस्था की डुबकी लगा रहे है. ऐसे में आपने कुंभ में बिछड़ने वाली कहानियां खूब सुनी होगी. आज भी अगर किसी दो व्यक्ति के शकल हलके मिलते जुलते नजर आते है तो उन्हें कहा जाता है कि कुंभ में बिछड़े दो भाइयों का मिलन हो गया है. लेकिन आपको बता दे कि असल जिंदगी में भी कुंभ में बिछड़ने वाली कहानियां होती है. ऐसा ही एक मामले इस बार लगे कुंभ मेले से सामने आया है. आइए आपको इस मामले की पूरी जानकारी देते है.
इस बार के महाकुंभ में दो बिछड़े हुए भाइयों का मिलन नहीं हुआ है. लेकिन यहां एक महिला को अपना पति जो 27 साल पहले लापता हुआ था वह मिल गया. जी हां आपने सही सुना. प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में झारखंड के एक परिवार को 27 साल पहले लापता हुआ बेटा, पति और भाई मिल गया. इसके बाद यह सोशल मीडिया में खूब तेजी से वायरल हो रहा है. पति के लापता हो जाने के बाद पत्नी धनवा देवी ने अपने दो बेटे विमलेश और कमलेश की अकेले परवरिश की थी.
1998 में बिछड़ा था पति
झारखंड की रहने वाली धनवा देवी के जीवन में 1998 में अंधेरा छा गया था. ऐसा तब हुआ जब अचानक से उसके पति लापता हो गए. उन्हें ढूंढने का हर संभव प्रयास उसके परिवार ने किया. लेकिन उन्हें नहीं खोज पाए. ऐसे में 27 साल बीत गए. इस दौरान महिला ने अपने तकदीर को मान लिया था. लेकिन इस बार के महाकुंभ में जो हुआ, उसने सभी को हैरान कर दिया. प्रयागराज के संगम किनारे हो रहे महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालुओं और संतों का समागन लगा हुआ है. वहीं महिला के एक रिश्तेदार ने एक अघोरी साधु नजर आया. उसका हुलिया महिला के पति से मिल रहा था. पहले उस महिला के परिजन ने बहुत सोचा, उसे लगा कि यह उसका भ्रम है. लेकिन उसे नजदीक से देखने के बाद यह यकीन हो गया कि वह उस महिला का पति ही है. महिला के पति का नाम गंगासागर यादव है. वह अब एक अघोरी साधु बन चुके है. वह अब गंगासागर के बाजार राजकुमार बाबा के नाम से जाने जाते है. आपको बता दे कि यह बस उस परिवार का दावा है और दावे से पीछे हटने से इनकार कर रहे है.