प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: टाटीझरिया प्रखंड में कई भवन लोगों को मुंह चिढ़ा रहे हैं. विभागीय लापरवाही की बानगी इन भवनों के नाम पर विकास के कई दावे किए गए किंतु इसे विडंबना कहें कि सार्वजनिक उपयोग के लिए टाटीझरिया में बनाए गए ग्राम संसद भवन, डहरभंगा ग्रामसभा भवन स्टेडियम डहरभंगा, पर्यवेक्षक आवास, कर्मचारी आवास, पशु चिकित्सालय, पर्यटन भवन, तहसील भवन बन्हें प्रसांगिक नहीं सिद्ध हो रहे हैं.
2008 में टाटीझरिया के प्रखंड बनने के बाद आनन-फानन में भवन बनाने का सिलसिला शुरू हुआ. उपयोगिता तय किये बगैर बनाए गए इन भवनों में सरकारी पैसों का खुलकर दुरूपयोग हुआ और इन भवनों से आम व खास को कोई लाभ हासिल नहीं हुआ. बहरहाल जरूरत इस बात की है कि सरकारी महकमे में हो रही गड़बड़ियों के प्रति विभाग संज्ञान लें और इन भवनों की जांच उच्चस्तरीय कमेटी द्वारा कराएं ताकि सरकारी राशि के दुरूपयोग की संभावना कम हो.
अंचल व प्रखंडकर्मियों का आवास
अंचलकर्मियों और प्रखंडकर्मियों के रहने के लिए प्रखंड कार्यालय परिसर में ही आवास 2013 में बनकर तैयार हैं. भवन के खिड़की, दरवाजा, पंखा, पाइप समेत कई उपकरण गायब हो गए हैं. यह भवन विशेष प्रमंडल हजारीबाग से बनाया गया था.
उच्च विद्यालय झरपो भवन
प्रखंड के उच्च विद्यालय झरपो में भवन निर्माण में भी बडी गबन हुई हैं. जिसमें इसके ठेकेदार को विभागीय लापरवाही गबन के मामले में जेल भी जाना पड़ा हैं. करोडों के बजट से बनाये जा रहे यह अद्धनिर्मित भवन खंडहर में तब्दील हो रहा हैं.
पशु चिकित्सालय
पशु चिकित्सालय के नाम से भी एक भवन बना हुआ हैं. यह भी 2015 में बना था. गौरतलब है कि टाटीझरिया कृषि प्रधान क्षेत्र हैं. बावजूद पशु चिकित्सालय भवन का उपयोग आजतक नहीं हुआ हैं.
स्टेडियम सह सभागार
डहरभंगा में 2013 से पहले ग्राम संसद भवन स्टेडियम सभागार बनाया गया. यह विशेष प्रमंडल से बना था पर इसका भी कोई उपयोग आज तक नहीं हुआ. इसके भी रख-रखाव के कमी के कारण बुरा हाल हैं.
पर्यटन भवन, तहसील भवन
एनएच-522 के किनारे अवस्थित टाटीझरिया थाना के सामने बना पर्यटन भवन जिसको बनवाने में सरकार नें 2.65 करोड़ लागत का खर्च किया लेकिन यह भवन अब खंडहर में तब्दील हो चुका हैं. इसके अलावा तहसील भवन बन्हें में बनकर तैयार हैं. जो बगैर उपयोग के खंडहर में परिवर्तित हो गया हैं.