न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: भागदौड़ भरी जिंदगी में आजकल इंसान अपने लिए बड़ी मुश्किल से समय निकाल पाता है. सभी को खुश रखने के लिए अगर आप भी सोचते हैं, तो आपकी mental health के लिए ये बिल्कुल भी सही नहीं है. एक्सपर्ट्स की माने तो लोग जितना अपने physical health पर ध्यान देते है उन्हें उतना ही अपने mental health पर ध्यान देने की जरुरत है. Mental health अगर आपकी अच्छी नहीं है तो आपका सेहतमंद रहना संभव ही नहीं है.
गुस्सा और तनाव के साथ ही दूसरों को खुश रखने की आदत भी मेंटल हेल्थ का दुश्मन है. इसकी आदत आपको मानसिक तनाव का शिकार बना सकती है. इसलिए इस बात को जरुर समझ लें कि कोई भी आपके लिए कितना ही खास हों आप अपनी मानसिक स्वास्थ्य की कमान उसके हाथों में नहीं दे सकते.
दूसरों को खुश करने वाले व्यक्ति अपनी इस आदत से खुद भी परेशान रहते है. दूसरों को खुश करने के पीछे वैसे तो लोगों को हर्ट नहीं करना होता है. लेकिन कई मामलों में इसके पीछे उनका अपना स्वार्थ भी छिपा होता है. किसी इंसान की बचपन की कोई घटना, इमोशनल हर्ट होना, चीजों को जल्दी पाने की जिद्द, जैसे कई चीजों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. मगर इस आदत से दूसरों को तो आप खुश कर लेते है, वहीं खुद बहुत परेशान रहते है. आपको आज हम इससे बाहर निकलने के तरीके बता रहे हैं...
1. सबसे पहले अपनी प्राथमिकताओं को समझें
आपको सबसे पहले अपनी प्राथमिकताओं को समझने की जरुरत है. दूसरों से पहले आपको खुद के बारे में जरुर सोचना चाहिए. आपको अपनी जरूरतों और अपने काम को सबसे पहले प्राथमिकता देने की जरुरत है. अपने आप को या अपने काम को प्राथमिकता देने का ये मतलब नहीं है कि आप स्वार्थी है. ऐसे में आप खुद को मेंटली और फिजिकली स्ट्रांग रख पाएंगे. इसके साथ ही आप दूसरों की ज्यादा बेहतर तरीके से मदद भी कर पाएंगे.
2. कभी भी न कहने में संकोच न करें
यह सोचकर की दूसरों को बुरा लगा जाएगा, बहुत से लोग न नहीं कह पाते है. मगर इससे लोगों को निकलना होगा चाहिए. ये थोड़ा मुश्किल जरुर है मगर असंभव बिल्कुल भी नहीं. यह आपकी मेंटल हेल्थ को बहुत इफ्फेक्ट करता है. लेकिन सबसे पहले आपको अपनी मेंटल हेल्थ के बारे में सोचना चाहिए. इसके साथ ही जिस काम को करने से आपका दिल मना कर दें, आप भी फौरन उसके लिए न कह दें. इससे आपको आंतरिक शांति की अनुभव होगी.
3. तकलीफ से बचने के लिए अपनी सीमाओं को करें निर्धारित
दूसरों को खुश रखने के लिए अगर आप अंदर ही अंदर क्रोधित हो रहे है और न चाहते हुए भी उस काम को कर रहे हैं, तो ऐसे में सिर्फ और सिर्फ आप अपना नुकसान कर रहे है. इसका एक ही समाधान है कि आप अपनी सीमाओं को निर्धारित कीजिए. आपको अपनी क्षमता से आगे जाकर ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे आपको तकलीफ हो.
4. हर किसी को खुश रख पाना संभव नहीं
इस बात को आप जरुर समझ लें कि आपकी और आपके सामने वाले की जरुरतें अलग हो सकती है. आपने अपने इमोशन को अगर एक तरफ करते हुए सामने वाले व्यक्ति को प्राथमिकता दे रखी है और इससे वह खुश हो जाता हो, वहीं आप इससे दुखी हो रहे है तो इसका कोई मतलब नहीं रह जाता है. ऐसे में आप अपनी खुशियों से समझौता कर रहे होते है. सबसे ज्यादा खुद की केयर करना बहुत जरुरी है. हर समय हर व्यक्ति को खुश नहीं किया जा सकता है.