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रांची/डेस्क: बीते वर्ष भारत में करीब 40 हज़ार लोगों की मौत अचानक दिल का दौरा पड़ने से हुई है. इनमें ज़्यादातर लोगों की जान बचायी जा सकती थी, अगर उन्हें समय पर सीपीआर दे दिया जाता. ये एक ऐसी विधि है जिसके जरिये हार्ट अटैक की स्थिति में मरीज की जान बचायी जा सकती है. सीपीआर के फायदे देख इसे सरकारी स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जा सकता है. ताकि बच्चे भी इस बारे में जानकर लोगों की जान बचा सकें.
इस बाबत शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम ने आश्वासन दिया है. चिकित्सक बताते हैं कि हार्ट अटैक की स्थिति में अगर किसी को तुरंत सीपीआर मिल जाये तो उसकी जान बचाई जा सकती है. हार्ट अटैक अब एक आम समस्या हो गयी है. आजकल बच्चों में भी इस समस्या को देखा जा रहा है. दिल का दौरा पड़ने के बाद ज़्यादातर मौत देर से चिकित्सा मिलने के कारण होती है. ऐसे में अगर दौरा पड़ने के 5 मिनट के भीतर सीपीआर दे दिया जाये तो मरीज की जान बच सकती है.