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रांची/डेस्क: लोकसभा सांसद और एक्ट्रेस कंगना राणावत अपने बेबाक बयानबाजी के वजह से जानी जाती हैं. वे अपने आने वाली फिल्म 'इमरजेंसी' को लेकर सुर्ख़ियों में बनी हुई हैं. बता दें कि वो इस फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री 'इंद्रा गांधी' के किरदार में नजर आएगी. कंगना राणावत कभी अवार्ड फंक्शन में नही जाती. और उन्होंने एक बार कहा भी था कि अगर भारत में ऑस्कर भी हुए तो नहीं जाउंगी. अभी हाल -फिलाल के इंटरव्यू में लोगों ने उनसे सवाल किया कि , आखिर कंगना ने ऐसा क्यों बोला कि अगर भारत में ओस्कर भी होते हैं तो वो नहीं जायेंगी, कंगना रनौत ने जवाब में बोला कि 'मैं फर्जी और अपमानजनक चीजों को बिलकुल बर्दाश्त नहीं कर पाती हूं'. लोगों ने कहा आखिर भारत के सारे अवार्ड फंक्शन फेक होते हैं? बिलकुल होते हैं मैंने तो मना कर दिया, कंगना ने जवाब में कहा.
आखिर कंगना ने क्यों? 'कहा बड़े नादान हो यार':
फेक का क्या मतलब होता है? क्या वो पेड होते हैं या स्पॉन्सर्ड, जब एक पॉडकास्ट में कंगना से राज शामानी द्वारा सवाल किये गये, तो जवाब में उन्होंने कहा, वो एडिटर्स से दोस्ती कर लेते हैं फिर उन्हें खुश करने के लिए एडिटर्स, बेस्ट हेयर स्टाइल वार्ड, बेस्ट दुपट्टा अवार्ड वगेरह इस टाइप का पांच-छः बना देते हैं.
कितने मासूम हो तुम लोग यार- कंगना राणावत :
जब लोगों ने सवाल किया कि आम लोग अवार्ड शोज को बहुत महत्त्व देते हैं. उनके लिए महत्वपूर्ण है यह जानना कि 'कौन एक्टर और एक्ट्रेस को अवार्ड मिल रहा, जीते हुए अभिनेताओं का चर्चा एक महिना तक घरों में चलता है. उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा, 'कितने मासूम हो तुमलोग यार', 'बड़े नादान हो यार' साथ ही उन्होंने अवार्ड शोज् को जोक भी कहा.
मासूमियत के दिन वो गये अब- कंगना राणावत
कंगना ने कहा कि आपको अच्छा लगता है तो आप देखिये, अपना मनोरंजन कीजिए. मनोरंजन को बस मनोरंजन की तरह लेनी चाहिए, और देखने के बाद उससे आगे बढ़ जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि, मासूमियत के वो दिन गये' कंगना से जब कहा गया कि बचपन में सब यही करते हैं.