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रांची/डेस्क: Jharkhand PESA Rules: झारखंड में पेसा कानून को लागू करने के लिए इससे संबंधित नियमावली को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा और इस पर कैबिनेट की मंजूरी ली जाएगी. पंचायती राज विभाग ने जहां इस नियमावली का प्रारूप तैयार कर लिया है, वहीं गुरुवार को CM चंपई सोरेन इसकी समीक्षा बैठक करेंगे. उनके समक्ष नियमावली का फॉर्मेट रखा जाएगा. इससे पूर्व इस फॉर्मेट पर आम जनता से सजेशन लिए गए थे. जिसके आधार पर सुझावों व आपत्तियों का निराकरण करने के बाद इसे अंतिम रूप दिया गया है. इस नियम के अनुसार ग्राम सभाओं को और अधिक सशक्त और आर्थिक रूप से सक्षम बनाने पर जोर दिया गया है.
प्रस्तावित नियमावली के तहत ग्राम सभा की बैठकों की अध्यक्षता मानकी मुंडा जैसे पारंपरिक मुखिया करेंगे. सरकार ग्राम सभा की सहमति के बिना जमीन का अधिग्रहण नहीं कर सकेगी. आदिवासियों की जमीन की खरीद-बिक्री के मामले में भी ग्राम सभा की सहमति अनिवार्य होगी. इस नियमावली में पुलिस की भूमिका तय करते हुए किसी की गिरफ्तारी के 48 घंटे के अंदर गिरफ्तारी के कारणों की जानकारी ग्राम सभा को देना अनिवार्य कर दिया गया है. आदिवासियों की जमीन वापस करने का अधिकार भी ग्राम सभा को दिया गया है. इसके साथ ही ग्राम सभा में खाद्य कोष, श्रम कोष, नकद कोष आदि का गठन करने का प्रावधान किया गया है, जिसमें दान, प्रोत्साहन राशि, दंड शुल्क, वनोपज, रॉयल्टी, तालाब, बाजार, मेला आदि से प्राप्त राशि जमा की जाएगी.
ग्राम सभा को अधिकतम 10,000 रुपए रखने की अनुमति होगी. इससे अधिक राशि बैंक खाते में जमा की जाएगी. सिर्फ इतना ही नहीं, कानून-व्यवस्था के लिए ग्राम सभा 10 रुपए से लेकर 1,000 रुपए तक का जुर्माना भी लगा सकती है. बरहाल, दंडित व्यक्ति के पास अपील करने का भी अधिकार होगा. इसके खिलाफ हाईकोर्ट में भी अपील की जा सकेगी. प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन का अधिकार भी ग्राम सभा के पास होगा. वनोपज पर भी उसका अधिकार होगा.
कानून व्यवस्था तोड़ने पर ग्राम सभा इस तरह से जुर्माना लगा सकती है
1. दंगा करने पर 100 रुपए तक
2. नकली बाट का इस्तेमाल करने पर 500 रुपए तक
3. जल स्रोतों को प्रदूषित करने पर 500 रुपए तक
4. पशुओं पर क्रूरता करने पर 500 रुपए तक
5. अश्लील हरकतें और अश्लील गाने पर 200 रुपए तक
6. धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने पर 500 रुपए तक
7. जबरन काम कराने, चोरी करने आदि पर एक हजार रुपए तक
PESA Act क्या है ?
पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम एक जरुरी कानून है जिसे 24 दिसंबर, 1996 को पारित किया गया था. इसका लक्ष्य संविधान के भाग IX के प्रावधानों को कुछ अपवादों और संशोधनों के साथ अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तारित करना है.