अनंत/न्यूज़11भारत
बेरमो/डेस्क: तेनुघाट अनुमंडलीय अस्पताल में चिकित्सकों की गंभीर कमी के कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल में 10 स्वीकृत पदों के बावजूद केवल एक चिकित्सक कार्यरत हैं, जो हर समय उपलब्ध नहीं रह पाते. इस स्थिति के कारण शुक्रवार को दो अलग-अलग घटनाओं में पोस्टमार्टम प्रक्रिया प्रभावित हुई, जिससे मृतकों के परिजनों को घंटों इंतजार करना पड़ा.
बेरमो अनुमंडल के सात प्रखंडों में दुर्घटनाओं के बाद तेनुघाट अस्पताल में ही पोस्टमार्टम की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन आकस्मिक छुट्टी, कोर्ट में गवाही और अन्य सरकारी कार्यों के चलते चिकित्सक को अक्सर अस्पताल से बाहर रहना पड़ता है, जिससे आपातकालीन सेवाएं बाधित हो जाती हैं. शुक्रवार को गोमिया के झिरकी गांव निवासी अशोक यादव के रिश्तेदार का निधन हुआ, और वे पोस्टमार्टम के लिए तेनुघाट अस्पताल पहुंचे, लेकिन मौके पर चिकित्सक के आकस्मिक छुट्टी पर होने के कारण पोस्टमार्टम नहीं हो सका.
अस्पताल प्रशासन ने परिजनों को शव को चास अनुमंडल अस्पताल ले जाने की सलाह दी, जिससे परिजन परेशान हो गए. इसी प्रकार गोमिया के गंझूडीह के एक व्यक्ति का दुर्घटना में मौत हो गई, उनके परिजनों को भी चास रेफर किया गया. स्थिति से आहत अशोक यादव ने तत्काल पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद से संपर्क किया, जिन्होंने मामले की जानकारी जिला उपायुक्त (डीसी) को दी. डीसी के हस्तक्षेप पर पेटरवार अस्पताल से एक चिकित्सक को तेनुघाट भेजा गया, जिसके बाद पोस्टमार्टम प्रक्रिया पूरी की जा सकी. इस पूरी प्रक्रिया में परिजनों को करीब 5-6 घंटे तक इंतजार करना पड़ा.
स्थानीय लोगों में आक्रोश
चिकित्सकों की इस कमी से स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है. उन्होंने प्रशासन से अस्पताल में चिकित्सकों की पर्याप्त तैनाती सुनिश्चित करने और आपातकालीन सेवाओं को दुरुस्त करने की मांग की है. तेनुघाट अनुमंडलीय अस्पताल की यह स्थिति न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को दर्शाती है. आम जनता ने जिला प्रशासन से शीघ्र हस्तक्षेप कर अस्पताल में चिकित्सकों की संख्या बढ़ाने की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े.