राजन पाण्डेय/न्यूज़11 भारत
गुमला/डेस्क: भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा टीनटांगर में 7 जुलाई को आस्था के डोर से खींची जाएगी. रथ यात्रा की तैयारी अंतिम चरण में है. रथ पूजा संचालन समिति के पदाधिकारी व सदस्य युद्ध स्तर पर रात दिन लगे हुए है. टिनटांगर स्थित जगरनाथ मंदिर का रंग रोगन हो चुका है. रथ पूजा संचालन समिति के अध्यक्ष जयबिलाश नायक ने बताया कि रथ यात्रा की तैयारी अंतिम चरण चल रहा है. भगवान जगन्नाथ प्रभू के मंदिर का रंग रोगन हो गया है. रथ की मरम्मति कराई जा रही है. स्वयं सेवी संगठनों को रथ यात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रण भेजा जा रहा है. 7 जुलाई को भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र, बहन सुभद्रा के अष्टधातु की मूर्ति का दूध, दही, घी, गंगाजल से अभिषेक कर श्रृंगार किया जायेगा. षोडशोपचार पूजन, हवन पूजन के बाद पारंपरिक चावल, दाल, सब्जी, साग, घी, दही पापड़ आदि का भोग प्रभू को लगेगा.इसके बाद महाभोग का वितरण किया जायेगा. शाम करीब 4 बजे पारंपरिक ढोल नगाढ़ा के साथ प्रभू भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ सवार होकर नगर भ्रमण के लिए निकलेंगे. नगर भ्रमण के दौरान विभिन्न मंदिरों के समीप स्वागत व पूजा अर्चना की जायेगी. इसके बाद तीन दिनों तक प्रभू मौसीबाड़ी में में विश्राम करेंगे.
रथयात्रा एकता एवं सुख-शान्ति का प्रतीक
मदन सिंह, अशोक नायक, संभु बैगा ने कहा कि भगवान श्रीजगन्नाथजी भगवान श्रीकृष्ण के ही अभिन्न स्वरूप हैं तथा उनकी यह यात्रालीला अद्भुत है. यह रथयात्रा एकता एवं सुख-शान्ति का प्रतीक है.