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रांची/डेस्क: रक्षाबंधन यानी कि भाई-बहन का सबसे बड़ा त्योहार. श्रावण माह की पूर्णिमा को यह पर्व मनाया जाता है. रक्षाबंधन इस साल 19 अगस्त दिन सोमवार को मनाया जाएगा. बहने इस दिन अपने भाई की रक्षा के लिए उसकी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं, तिलक लगाती है और उनकी लंबी आयु की कामना करती है. वहीं भाई अपनी बहन को आजीवन रक्षा का वचन देता है. यह परंपरा सदियों से चलती आ रही है.
बताया जा रहा है कि इस बार रक्षाबंधन के त्योहार पर भद्रा का साया लगने वाला है. कहा जाता है कि भाई को भद्रा काल में राखी नहीं बांधनी चाहिए. वहीं पौराणिक मान्यताओं की माने तो शूर्पनखा ने रावण को भद्रा काल में ही राखी बांधी थी और पूरा रावण का साम्राज्य उजड़ गया था. इस साल रक्षाबंधन पर भद्राकाल को लेकर ज्योतिष क्या कहते है, आइए इसके बारे में विस्तार से जानते है.
ज्योतिषविदों का कहना है कि का पर्व इस बार सोमवार, 19 अगस्त के दिन पड़ रहा है. मगर श्रावण शुक्ल चतुर्दशी 18 अगस्त 2024 को रात 2 बजकर 21 मिनट से ही भद्रा शुरू हो जाएगी. बताया जा रहा है कि इसका समापन श्रावण शुक्ल पूर्णिमा सोमवार, 19 अगस्त 2024 को दोपहर में 1 बजकर 24 मिनट पर होगा. तत्पश्चात ही रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त शुरू होगा. इसलिए बहने भद्रा के बाद ही भाई की कलाई पर राखी बांधे.
वहीं अन्य ज्योतिषविदों का कहना है कि रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहेगा. वहीं भद्रा का वास पाताल लोक में होने की वजह से बहुत अशुभ नहीं माना जाएगा. इसके साथ ही भद्रा जब पाताल या फिर स्वर्ग लोक में वास करती है तो इसका धरती वासियों पर खास प्रभाव नहीं होता है. लेकिन फिर भी कुछ घंटे राखी बांधने से बचें और भद्रा काल समाप्त हो जाने के बाद ही भाई की कलाई पर राखी बांधें.
ज्योतिषविदों की माने तो कई शुभ संयोग इस वर्ष रक्षाबंधन पर बनने वाले है. सौभाग्य योग, रवि योग, शोभन योग के संगम के साथ ही सिद्धि योग भी इस रक्षाबंधन पर निर्मित हो रहा है. इसके साथ ही सोमवार का दिन होने की वजह से यह संयोग अत्यंत शुभ है. वहीं रक्षाबंधन में भद्राकाल की बाधा 19 अगस्त को दोपहर 01:24 तक रहेगी. फिर आप शुभ मुहूर्त में भाई की कलाई पर राखी बांध सकती हैं.