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रांची/डेस्क: साल 2025 में कई बड़े ग्रहों का राशी परिवर्तन होगा. ऐसे में इस साल सूर्य और शनि देव की युति भी उन राशियों में प्रवेश करेगी. साल 2025 में सूर्य ग्रह और शनि देव के साथ युति बनेगी. जानें किस राशि में करेंगे प्रवेश और कहां पड़ेगा इसका असर?
इस राशि में होगा प्रवेश
12 फरवरी, 2025 को सूर्य ग्रह कुंभ राशि में प्रवेश करेगी, जहां शनि देव पहले से विराजमान रहेंगे. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पिता-पुत्र सूर्य-शनि की युति को एक दुर्लभ संयोग माना जाता हैं. दरअसल, सूर्य को सात्विकता और शुभता फैलाने वाला ग्रह माना जाता है जबकि शनि देव को तामसिक और कठोर ग्रह माना जाता हैं. इन दोनों का मिलन होने का परिणाम बड़ा ही अलग होता हैं. इसमें सूर्य और शनि दोनों ही दूषित होता हैं. सूर्य-शनि की युति अशुभ असर डालती हैं.
पिता-पुत्र के रिश्ते पर कैसे डालेगा असर और इसके उपाय?
सूर्य-शनि के युति के चलते पिता और पुत्र दोनों के बीच के आपसी संबंध अच्छे नही होते हैं. ऐसे में लोगों को सूर्य भगवान को जल अर्पित करना चाहिए और वहीं खड़े होकर हनुमान चालीसा भी पढ़े. इसके अलावा एक ताम्बे का छल्ला अनामिका अंगुली में पहने और साथ ही चीनी के जगह गुड़ का इस्तेमाल करें. शनिवार को मीठी चीज का भी दान करें.
शादीशुदा जिंदगी पर भी डालता है असर
सूर्य-शनि के युति के प्रवेश करते ही पति-पत्नी के वैवाहिक जीवन पर भी काफी असर पड़ता हैं. दोनों के बीच प्रेम नहीं टिक पाता है और इसके अलावा अगर शनि ज्यादा हावी हो तो बात तलाक तक आ जाती हैं. ऐसे में सूर्य भगवान को काला मिलाकर जल अर्पित करें. साथ ही शाम को तुलसी के पौधे के नीच घी का दिया जलाकर नम: शिवाय का जाप करें. गले में लाल चन्दन की माला को भी धारण करें.
स्वास्थ्य पर पड़ता है कैसा असर?
सूर्य-शनि की युति के दौरान कई लोगों को हड्डियों से जुड़ी समस्या भी हो सकती हैं. इसके अलावा नसों और नाड़ी तंत्र से जुड़ी समस्या हो सकती हैं. यह संबंध आंखों के लिए अच्छा नहीं माना जाता हैं. ऐसे में पीपल के पेड़ और सूर्य भगवान को जल अर्पित करें. साथ ही सूर्य भगवान के मंत्र का जाप भी करे और शनि मंत्र का भी जाप करें. इतना ही नहीं शनिवार को खाने की चीजों का दान करें.