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रांची/डेस्क: झारखंड सरकार पर बेवजह एसएलपी दायर करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 1,00,000 रुपए का फाइन लगाया है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बहुत ही तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि झारखंड सरकार frivolous मामलों में भी एसएलपी दायर करके कोर्ट का समय बर्बाद करती है और कोर्ट इस से परेशान हो चुकी है.
उन्होंने आगे लिखा कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार पर ₹1 लाख का फाइन लगाया और यह भी कहा कि वह इस बात पर विचार करें कि जिन अधिकारियों की वजह से ऐसे एसएलपी दायर होते हैं ये पैसा उनसे वसूला जाए. क्या अब भी झारखंड सरकार सबक लेगी या अधिकारियों को बचाने के लिए हर मामलों में वह महंगे महंगे वकील करके सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाती ही रहेगी?
बाबूलाल मरांडी ने भी दी प्रतिक्रिया
वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस विषय को गंभीरता से लीजिये. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करिए. जिन अधिकारियों ने दुर्भावना से ग्रस्त होकर ऐसे एसएलपी दायर किये हैं, सरकार का वक्त और ग़रीबों की गाढ़ी कमाई का पैसा बर्बाद किया है, उनसे बिना विलंब इस पैसे की वसूली करवाईये. और हां, याद रहे कि राज्य में भाजपा की सरकार बनते ही दुर्भावना ग्रस्त होकर बिना सोचे समझे किये गये ऐसे मामलों, जिनमें एसलपी में पराजय हुआ है, उसके लिये दोषी अधिकारियों को चिन्हित करवा कर उनसे एसलपी में हुए सरकारी पैसे के खर्चे की वसूली करवाई जायेगी.