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रांची/डेस्क: झारखंड पुलिस के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना नोटिस जारी किया हैं. यह नोटिस एक मामले में चार्जशीट दाखिल करने को लेकर जारी किया गया है जबकि अदालत ने पहले ही उस मामले की एफआईआर पर अंतरिम रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट की यह कार्रवाई मंगलवार को न्यायमूर्ति अभय ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ द्वारा की गई, जो एक विशेष अनुमति याचिका (SLP) पर सुनवाई कर रही थी. याचिका में झारखंड हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें एक आईपीएस अधिकारी की पत्नी द्वारा अपने मकान मालिक के खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था.
मामला और सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई
यह मामला झारखंड के तत्कालीन डीजीपी की पत्नी (अब दिवंगत) द्वारा अपने मकान मालिक के खिलाफ दर्ज कराई गई एक प्राथमिकी से जुड़ा हैं. उस प्राथमिकी में यह आरोप लगाया गया था कि मकान मालिक के परिवार ने जबरन घर में घुसकर संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है और मारपीट भी की हैं. इस मामले में मकान मालिक का पक्ष था कि किरायेदार द्वारा किराया नहीं दिया जा रहा था और उन्होंने घर खाली कराने के लिए कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई शुरू की थी. मकान मालिक का यह दावा था कि डीजीपी की पत्नी ने आपराधिक मामला बदले की भावना से दर्ज कराया था.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में झारखंड पुलिस के तत्कालीन अधिकारियों, डीएसपी सिटी रांची दीपक कुमार, दयानंद कुमार और तारकेश्वर प्रसाद केसरी को अवमानना नोटिस जारी किया हैं. उस समय यह तीनों अधिकारी रांची के लोअर बाजार थाना से जुड़े थे. अदालत ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से 4 नवंबर, 2024 को न्यायालय में पेश होने का आदेश दिया हैं.