अनंत/न्यूज़11भारत
बेरमो/डेस्क: गोमिया प्रखंड कार्यालय के पास झटका मोड़ स्थित चाय दुकान चलाने वाले नेमचंद साव की बेटी काजल ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) और जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) क्वालीफाई कर इलाके का नाम रोशन किया है. काजल अब हिंदी विषय में पीएचडी कर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपना सपना साकार करेगी.
पारिवारिक पृष्ठभूमि में संघर्ष:
नेमचंद साव का छोटा-सा झोपड़ीनुमा होटल है, जहां वे चाय और समोसे बेचते हैं. हालांकि सीमित साधनों के बावजूद उन्होंने अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में कोई कमी नहीं आने दी. उनकी बड़ी बेटी काजल ने इस सफलता से न केवल अपने माता-पिता का नाम ऊंचा किया है, बल्कि यह भी साबित किया है कि कठिन परिस्थितियों के बावजूद अगर संकल्प मजबूत हो, तो मंजिल पाना संभव है.
शैक्षिक यात्रा
काजल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लोयोला स्कूल से पूरी की. इसके बाद तेनुघाट स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय से मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण की और आनंदा कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की. आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और फिर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से हिंदी विषय में पोस्टग्रेजुएशन किया. अब NET-JRF परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के बाद काजल पीएचडी की तैयारी में जुटी हैं.
परिवार का समर्थन और योगदान
काजल ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता और भाई-बहनों को दिया है. उन्होंने बताया कि उनके पिता हमेशा शिक्षा के महत्व को समझते हुए उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहे. नेमचंद साव ने कहा, "हमारे होटल में हर तरह के लोग आते हैं, और मैंने हमेशा यह समझा कि बच्चों की शिक्षा से ही भविष्य संवर सकता है. आज मुझे गर्व है कि मेरी बेटी की मेहनत रंग लाई है.
छोटी बहन भी शिक्षा की राह पर
काजल की छोटी बहन भी पिट्स स्कूल से बारहवीं की परीक्षा पास कर स्नातक की पढ़ाई कर रही है. परिवार में दोनों बेटियों की उपलब्धियों से खुशी का माहौल है, और पिता नेमचंद साव का मानना है कि कठिन परिश्रम और शिक्षा का महत्व कभी व्यर्थ नहीं जाता.
समाज के लिए प्रेरणा
काजल की यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गर्व की बात है. यह कहानी उन लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो कठिन परिस्थितियों में भी अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं.