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रांची/डेस्क: करोड़ों लोग आज के जमाने में कॉरपोरेट ऑफिस में काम कर रहे हैं. कॉरपोरेट ऑफिसेज में सेंट्रल AC के साथ ही बेहतरीन लाइटिंग भी होती है, जिससे कर्मचारियों को किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े. वहीं दफ्तर में बनाया गया माहौल भले ही सभी लोगों को पसंद आता है, मगर ये सेहत के लिए बिल्कुल भी फायदेमंद नहीं है. बता दें कि दफ्तर में लंबे समय तक काम करने से हमारी आंखों को नुकसान होता है. आइए जानते है कि इस विषय में डॉक्टर्स क्या कहते है और इन परेशानियों से कैसे बचा जा सकता है.
डॉक्टर्स का कहना है कि लगातार स्क्रीन पर जो लोग ऑफिस में कई घंटों तक काम करते रहते हैं, उतनी देर तक लगातार उनकी आंखों की मसल्स खिंची हुई रहती हैं. सिरदर्द और आंखों में दर्द की समस्या इससे उन्हें हो सकती है. आंखों की मसल्स का स्ट्रेन स्क्रीन बढ़ा देती है. बता दें कि हमारी आंखों में लगातार टियर्स बनते रहते हैं. ये टियर्स पूरी आंख में पलक झपकाने से फैल जाते है और ड्राइनेस से बचाते हैं. लोग अपनी पलक स्क्रीन देखने के दौरान नहीं झपकाते है. आंखों में ड्राइनेस की परेशानी इसकी वजह से होने लगती है.
डॉक्टर्स का कहना है कि एयर कंडीशनर अगर ऑफिस में तेज चलता है तो इसकी वजह से आंखों में ड्राइनेस की समस्या हो सकती है. आंखों में इरिटेशन अत्यधिक लाइट्स की वजह से भी हो सकती है. आंखों को नुकसान लैपटॉप या कंप्यूटर की स्क्रीन की ब्राइटनेस ज्यादा होने से हो सकती है. इन सभी चीजों को लेकर लोगों को वेशेष ध्यान देना चाहिए.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि लोगों को ऑफिस में आंखों को स्ट्रेन, ड्राइनेस और इरिटेशन से बचाने के लिए हर 20 मिनट बाद स्क्रीन से ब्रेक लेना चाहिए. इसके साथ ही 20 सेकंड तक 20 मीटर दूर रखी चीज को देखना चाहिए और पलक झपकानी चाहिए. ड्राइनेस से बचने में इससे मदद मिलती है. लोगों को ज्यादा लाइटिंग से बचना चाहिए और स्क्रीन की ब्राइटनेस मीडियम रखनी चाहिए. अगर AC की हवा आंखों में सीधी लगे तो अपनी दिशा बदल लेनी चाहिए. इसके बाद भी अगर समस्या हो तो फौरन डॉक्टर से मिलना चाहिए.