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रांची/डेस्क: एनर्जी टॉनिक यानी चाय. जिसका नाम सुनते ही स्पूर्ति आ जाती है. मसाला चाय, फीकी चाय, काली चाय और मीठी चाय पीना लोग पसंद करते है. अलग-अलग शहरों में लोग अलग-अलग तरह की चाय पीते है. मगर इन दिनों आयुर्वेदिक चाय का भी ट्रेंड देखने को मिल रहा है. शादी जैसे कार्यक्रमों में इन दिनों आयुर्वेदिक चाय मेहमानों को खूब पिलाई जा रही है.
रोग प्रतिरोधक क्षमता आयुर्वेदिक चाय पीने से बढ़ती है. वहीं यह दूध वाली चाय के नुकसान से भी बचाती है. एक खास विधि और एक खास तरीके से आयुर्वेदिक चाय बनाई जाती है.
आयुर्वेदिक चाय के लिए आवश्यक सामग्री
खास प्रकार की सामग्री आयुर्वेदिक चाय के लिए उपयोग की जाती है. इस खास चाय में तुलसी के सूखे पत्ते, तेजपाल, ब्रह्मी बूटी, छोटी इलायची, दालचीनी, काली मिर्च, सौंफ और अदरक सहित अन्य जड़ी बूटियां भी डाली जाती है.
आयुर्वेदिक चाय बनाने की विधि
निर्धारित ताप और निर्धारित सामग्री का प्रयोग करते हुए आयुर्वेदिक चाय बनाई जाती है. पतीले में सबसे पहले पानी उबालिए. इसके बाद बताई गई उक्त समाग्रियों को मोटा कुचकर मसाला बना लीजिए. पानी उबल जाने के बाद पतीले को उतार कर उसमें कूटे हुए मसाले को डालकर ढक दीजिए. कुछ समय बाद जब ये उबल जाए तो कप में छान लीजिए. बता दें कि आयुर्वेदिक चाय में दूध नहीं डाला जाता है. वहीं चाय को मीठा करने के लिए उबालते समय आप से उचित मात्रा में चीनी और गुड़ डाल सकते है.
आयुर्वेदिक चाय के फायदे
1. वायरल, फीवर और डेंगू में आयुर्वेदिक चाय बहुत ही फायदेमंद मानी जाती है.
2. दर्द और आर्थराइटिस मरीज को राहत दिलाने में आयुर्वेदिक चाय एक अहम भूमिका निभाती है.
3. शुगर लेवल को भी आयुर्वेदिक चाय कंट्रोल करती है. रोजाना पीने से इसका लाभ देखा जा सकता है.
4. डिप्रेशन दूर करने में आयुर्वेदिक चाय अत्यंत सहायक होती है. ये हार्मोंस को कंट्रोल करती है.
5. आयुर्वेदिक चाय पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. इसके साथ ही ये अस्थमा, खांसी, जुकाम और जकड़न दूर करने में मददगार साबित होती है.