कृपा शंकर/न्यूज 11 भारत
बोकारो/डेस्क:- आदिवासी - मूलवासी समाज सतनपुर द्वारा सराय बुरु (पहाड़ी) और पोंड टुंगरी बांधगोड़ा दोनों पहाड़ों के बीच सिदो-कान्हू चौक में रविवार को हूल दिवस मनाया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता सीके मुर्मू तथा संचालन रामकुमार मांझी ने किया. नायके जगदीश मांझी ने पूजा-अर्चना कर कार्यक्रम की शुरुआत की. इस दौरान उपस्थित लोगों ने सिदो-कान्हू के तस्वीर पर श्रद्धांजलि अर्पित किया. संबोधित करते हुए समाजसेवी योगो पूर्ति ने कहा सिद-कान्हू के योगदान को हम कभी भी भुला नहीं सकते. उनके संघर्ष की गाथा को जिस दिन हम भुला देंगे, झारखंड का विकास नहीं हो पाएगा. सातनपुर मुखिया कालीपद सिंह ने कहा अपनी जमीन, संस्कृति और देश को अंग्रेजी हुकूमत के अत्याचार से बचाने के लिए संथाल के महानायक सिदो-कान्हू के नेतृत्व में विद्रोह का आगाज हुआ था. रामदयाल सिंह ने कहा झारखंड में 30 जून का खास महत्व है. इसी दिन संताल धनुर्धारियों ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जंग की शुरुआत की थी. जिसे संताल विद्रोह या संताल हूल के नाम से याद किया जाता है. इतिहास के पन्नों में ऐसे सिपाही विद्रोह को आजादी की पहली लड़ाई माना जाता है. कार्यक्रम को सातनपुर पंसस वासुदेव माझी, संतोष बाउरी ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम में चंद्रकांत पूर्ति, रामनाथ हेंब्रम, आकाश समद, पंकज माझी, मंजूबाला सोरेन, मंजू कुमारी सोरेन, दशमी देवी, सोनिया देवी, शकुंतला कुमारी, निशा कुमारी सहित अन्य शामिल थे.