प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: हजारीबाग-बड़कागांव मार्ग अपनी हरियाली के लिए जाना जाता रहा हैं. इस मार्ग पर चलने वाले लोगों को इस मार्ग पर सेल्फी लेते आसानी से देखा जा सकता हैं. वहीं अब इस मार्ग की हरियाली पर ग्रहण लगता दिख रहा हैं. एक महीने के अंदर इस मार्ग पर कई बड़े और पुराने पेड़ों को धराशायी कर दिया गया हैं. हैरानी की बात यह है कि बड़कागांव जैसे अति व्यस्तम सड़क पर बोकारो पुल के समीप की वन भूमि को जेसीबी लगाकर न सिर्फपेड़ गिराया गया बल्कि आनन-फानन में निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया. पिछले कुछ दिनों से यहां निर्माण कार्य तेजी से चल रहा हैं.
स्थानीय लोगों के मुताबिक अभी भी कई कटे पेड़ के अवशेष वहां पड़े हुए हैं. इनमें एक काफी पुराना पीपल का पेड़ था. इस स्थल से महज 300 मीटर आगे पूंदरी मोड़ से पहले एक बड़े भूखंड की बाउण्ड्री कोविड के समय की गई. इस जमीन को शहर के एक प्रतिष्ठित व्यवसायी का बताया जाता हैं. कहा जा रहा है कि यह व्यवसायी परिवार यहां के पूरे जंगल को अपना बताता रहा है और ऐसे में पास के ही एक गांव के व्यक्ति को इसे बेचने का अधिकार दे दिया हैं. ऐसे में अब न सिर्फ हर दिन पेड़ काटे जा रहे है बल्कि काफी तेजी से बाउंड्री भी किया जा रहा हैं. वहीं इसके दूसरी तरफ भी एक दो एकड़ के प्लॉट को ऐसे ही मशीन लगाकर साफ किया गया और बाद में अलग-अलग लोगों को बेच दिया गया.
वन विभाग ने बंद कर रखी है आंखें
स्थानीय लोगों के मुताबिक इस पूरे इलाके में पेड़ अगर कट रहा है तो इसकी जानकारी वन विभाग के कर्मियों को रहती हैं. कहा कि छोटे से लेकर बड़े पेड़ तक को काटने का रेट बांधा हुआ है और यही वजह है कि आजतक ऐसे मामलों में कार्रवाई नहीं की गई. जिस बजह से जमीन कब्जाने वालों से लेकर पेड़ काटने वाले बड़े आराम से अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं. स्थानीय लोग चाहते है कि इस मामले में कड़ी कारवाई हो ताकि ऐसे कृत्यों पर रोक लगायी जा सके.