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रांची/डेस्क: घंटी आधारित शिक्षक प्रसिला सोरेन की याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान राज्य के सभी यूनिवर्सिटी के वीसी और रजिस्ट्रार अदालत में सशरीर उपस्थित हुए. कोर्ट ने सभी वीसी से एक-एक कर यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति का विवरण मांगा.
बता दें कि ज्यादातर यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसर का पद खाली है. इसको लेकर कोर्ट ने कहा कि 2018 से नियुक्ति नहीं हुई है और 2023 से नियुक्ति के लिए कहा जा रहा है. फिर भी नियुक्ति न होना बेहद गंभीर विषय है और इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस डॉ एसएन पाठक की कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई.
प्रार्थी की ओर से कोर्ट में कहा गया कि राज्य के सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में घंटी आधारित शिक्षकों की एडहॉक नियुक्ति होती है. इससे पहले झारखंड हाईकोर्ट ने कहा था कि इस तरह की नियुक्ति नहीं होनी चहाइए. इस मामले में प्रार्थी की तरफ से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार और अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज ने बहस की. वहीं, कोर्ट ने उपस्थित अधिकारियों से रिक्तियों की जानकारी शपथ पत्र के जरिए दाखिल करने का निर्देश दिया.