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रांची/डेस्क: भारत के लोग एक वर्ष में अलग-अलग मौसम का अनुभव करते हैं. सर्दी, गर्मी और बरसात का मौसम लोगों के मूड को बदलने का भी काम करती है. ऐसे में ये सवाल उठता है कि भारत के लोग किस मौसम में अधिक खुश रहते हैं. आइए जानते हैं क्या है इसका जवाब.
मूड का मौसम से नाता
मौसम हमारे मनोदशा पर गहरा प्रभाव डालती है. धूप, गर्मी, सर्दी, बारिश, हमारे मूड को भी प्रभावित करती है. कम धूप होने के वजह से सर्दी में कई लोग उदासी महसूस करते हैं. वहीं, गर्मी के मौसम में अत्यधिक गर्मी के वजह से चिड़चिड़ापन होता है.
मौसम के अनुसार कैसे बदलता है मूड
हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर मौसम गहरा प्रभाव छोड़ता है. एक तरफ धूप, तापमान और सूखेपन के वजह से हमारा मूड, एनर्जी लेवल व नींद का पैटर्न प्रभावित होता है, वहीं सर्दी के मौसम में दिन छोटे होने व धूप के कम होने के वजह से सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) जैसी समस्याएं हो सकती हैं. सर्दियों में त्योहारों की झड़ी लग होती है, जिसके वजह से लोगों को खुश रखने में मदद मिलती है. गर्मियों में तेज धूप व उमस के वजह से लोग थका हुआ और चिड़चिड़ा महसूस कर सकते हैं. पर गर्मी में छुट्टियां और घूमने-फिरने का मौसम भी होता है, जिससे लोगों को खुश रहने में मदद मिलती है. वहीं, बरसात का मौसम लोगों को शांत और खुश रखने में मदद करता है. बरसात और हरा-भरा वातावरण लोगों के मन को शांत करती हैं.
मौसम से कैसे जुड़ी है भारत के लोगों की खुशी?
भारतीय लोगों में मौसम और खुशी के बीच का रिश्ता काफी कठिन होता है. लोगों की खुशी कई वजहों पर निर्बर करती है. बता दें कि भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग मौसम रहता है. जहां उत्तर भारत में सर्दी में काफी ठंड होती है, वहीं, दक्षिण भारत में गर्मी अधिक होती है. भारतीय संस्कृति में भी मौसम का काफी महत्व है. कई तरह के त्योहार व रीति-रिवाज मौसम से जुड़े होते हैं. जैसे कि बसंत ऋतु में होली का त्योहार मनाया जाता है, वहीं शरद ऋतु में दिवाली मनाई जाती है. अलग-अलग लोग खुद को अलग-अलग मौसम में कम्फर्टऐबल फ़ील करते हैं. कुछ लोगों को गर्मी पसंद होती है, तो कुछ लोग सर्दी को पसंद करते हैं.