कोरोना की तीसरी लहर को लेकर भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने पूर्व चेतावनी पहले ही दे चुकी है. उनके द्वारा दिए गये बयान में ये स्पष्ट कहा गया है कि बाज़ारों या अन्य जगहों पर लगने वाली भीड़ को नहीं रोका गया तो कोरोना की तीसरी लहर भारत में कहर बनकर आएगी. इस लहर से बचने का मात्र एक तरीका है कि जल्द से जल्द अधिकतम लोगों का वैक्सीनेसन हो सके. ऐसे में जब तक ज्यादा से ज्यादा लोगों का टीकाकरण नहीं हो जाता, लोगों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना ही होगा. मगर राजधानी सहित राज्य भर में जो टीकाकरण की स्थित है उसकी रफ्तार वह अभी भी धीमी है. क्योंकि, 18-44 साल के आयुवर्ग के महज 24 प्रतिशत को ही पहला डोज लगा. 13,90,036 लोगों को टीका दिया जाना है, जिसमें से अभी तक 3,26,966 को पहला डोज दिया गया. जबकि, दूसरा डोज भी 29219 में से 21932 को ही लगा है.
70 प्रतिशत को वैक्सीनेट होना जरूरी
वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना की रफ्तार को रोकने के लिए 70 फीसदी आबादी का टीकाकरण जरूरी है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक किसी भी जिले में 18 प्लस की आबादी 70 फीसदी होती है. ऐसे में इस आयुवर्ग के टीकाकरण की रफ्तार तेज नहीं हुई तो तीसरी लहर से लड़ना चुनौती होगी.
रांची में किस आयुवर्ग को कितना प्रतिशत लगा पहला डोज
आयुवर्ग लक्ष्य अचीवमेंट %
हेल्थ केयर वर्कर 35509 93
फ्रंटलाइन वर्कर 72584 87
18-44 एज ग्रुप 1390036 24
45-59 एज ग्रुप 455415 37
60 + एज ग्रुप 285484 40
रांची में किस आयुवर्ग को कितना प्रतिशत लगा दूसरा डोज
आयुवर्ग लक्ष्य अचीवमेंट %
हेल्थ केयर वर्कर 30043 74
फ्रंटलाइन वर्कर 47495 75
18-44 एज ग्रुप 29219 75
45-59 एज ग्रुप 114665 69
60 + एज ग्रुप 96030 59