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रांची/डेस्क: अभी तक कोलकाता के आरजी कर अस्पताल (R G Kar Hospital) में डॉक्टर की रेप और हत्या के बाद मचा बवाल थमा नहीं है. एक महीने से भी ज्यादा समय होने को है. लेकिन जूनियर डॉक्टर (Junior Doctor) अभी तक काम पर वापस नहीं लौटे हैं. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के कड़े निर्देश के बाद भी जूनियर डॉक्टर अपनी हड़ताल (junior doctor's strike) खत्म करने को तैयार नहीं हैं. जिसके वजह से मरीजों का हाल बेहाल है.
डॉक्टरों नें रखी नई डिमांड
जानकारी के अनुसार, 11 सितंबर को ईमेल के जरिए स्वास्थ्य विभाग (Health Department) ने डॉक्टरों को मिलने के लिए राज्य मुख्यालय नबान्न बुलाया था. लेकिन जूनियर डॉक्टरों ने मिलने से मना कर दिया था. वहीं अब डॉक्टरों ने फिर से डिमांड रख दी है. डॉक्टरों ने कहा है कि इस बैठक में 30 लोग जायेंगे. साथ ही इस बैठक का सीधा प्रसारण करना होगा. वहीं इस बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को मौजूद रहना होगा.
इलाज के लिए पहुंचते हैं 5 लाख मरीज
बता दें कि सरकारी अस्पतालों में जूनियर डॉक्टर के विरोध प्रदर्शन की वजह से डॉक्टरों की संख्या सामान्य से काफी कम हो गयी है. इसका असर बीमार मरीजों पर पड़ रहा है. कोलकता में 300 सरकारी अस्पताल (Kolkata Government Hospital) हैं. इसमें 26 मेडिकल कॉलेज हैं. जिसमें फुल टाइम से 95,000 डॉक्टर जुड़े हैं. करीब 5 लाख मरीज रोजाना यहां इलाज कराने आते हैं. सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal Government) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि 23 लोगों की जान जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल के कारण समय पर इलाज न मिल पाने की वजह से गयी है.