सुरेन्द्र कुमार/न्यूज़11भारत
सिसई/डेस्क: सिसई प्रखंड अंतर्गत, टंगरा टोवली में अखिल आदिवासी विकास परिषद के बैनर तले कार्तिक उरांव की 100वीं समारोह सह जतरा का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत आदिवासी पारम्परिक वेशभूषा में भागकटी और आदिवासी बाल विकास उच्च विद्यालय में स्थित कार्तिक उरांव की प्रतिमा में माल्यार्पण कर किया गया. प्रखण्ड मुख्यालय से लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित कार्तिक उराँव के नाम पर विद्यालय संचालित है. कार्तिक उराँव की जयंती पर यहाँ लगभग 35 वर्षों से जतरा समारोह का भव्य आयोजन किया जाता है. इस जतरा में प्रखण्ड क्षेत्र स दूर- दूर से आते हैं एवं दूसरे प्रखण्ड से भी जतरा देखने आते हैं. सभी लोग प्राकृतिक परंपरा, वेशभूसा से सज धज कर आते हैं जो देखने में काफी लगता है.पारम्परिक नाचते गाते हैं, एक दूसरे से मेल मिलाप होते हैं.काफी खुशी मनाते हैं. समाज में एक दूसरे से मिलकर, कार्तिक उराँव की जीवनी भी सुनते हैं. इस जतरा समारोह में महिलाएँ, पुरुष,बच्चें-बचियाँ भी घूमने के लिए आते हैं.
इस मौके पर मुख्य अतिथि पुर्व आईजी डॉ. अरुण उराँव ने कहा कि कार्तिक बाबा एक साधारण गरीब किसान के परिवार में जन्मे थे. प्रारंभिक शिक्षा गांव से लेकर विदेश में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी. आज के युवकों उन्हीं के पदचिन्हों पर चलने की जरूरत है. उन्होंने कहा, कि वे ईमानदार राजनेता थे.कई बार सांसद और मंत्री रहे. लेकिन आज भी उनका घर खपरैल है. वर्तमान समय का जन प्रतिनिधि मुखिया बनते ही गाड़ी खरीद और बिल्डिंग बना लेते हैं. उनकी ईमानदारी की पहचान है. साथ ही उन्होंने बताया कि कार्तिक उराँव आदिवासी समाज के मसीहा थे. वे समाज के लिए जिए और मरे .उन्हीं की याद में टंगरा टोली में विद्यालय चल रहा है,जहां गरीब आदिवासी मूलवासी बच्चे पढ़ाई करते हैं . जिन्हें उनके पदचिन्हों पर, चलने की प्रेरणा दी जाती है.ताकि कार्तिक बाबा के अधुरे कार्यों पुरा हो सके.
इस अवसर पर पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उराँव ने कहा कि कार्तिक उराँव हमारे प्रणेता और समाज सुधारक थे. समाज के लिए अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद का गठन कर कई कार्य किए. उन्होंने कहा कि युवाओं को शिक्षा से जुड़े रहे और व्यवसायिक शिक्षा में ध्यान देने की जरूरत है. नशापन से दूर रहें. समाज में फैली कुर्तियां को दूर करें और एक सबल समाज का निर्माण करें, तभी कार्तिक बाबा का सपना सफल होगा. उन्होंने कहा, कला संस्कृति हमारे समाज की धरोहर है,इसे बचाए रखना. इसके अलावे अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के प्रदेश सचिव सुशील उरांव, लोहरमैन उरांव, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद शाखा सिसई के अध्यक्ष कप्तान लोहरा उरांव, सचिव सच्चिदानंद उरांव, अमर कुमार उरांव ने भी संबोधित किया.
इस अवसर पर प्रार्थना सभा जिला अध्यक्ष सुरेंद्र भगत, जिता भगत, साधों उरांव, जलेश्वर उरांव, लक्ष्मी नारायण यादव, भैरव सिंह खेरवार, सुखदेव उरांव, सोमेश उरांव, गंदुर उरांव, मुखिया शकुंतला उरांव, सुनीता उरांव, मंजू उरांव, चरवा उरांव, लोयो उरांव, अरविंद कुजूर, सोमरा उरांव, मंगल उरांव, सुदामा उरांव, कपिल उरांव, रामनिवास उरांव ,महावीर उरांव, जगदेव उरांव सहित भारी संख्या लोग उपस्थित थे.