प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: हजारीबाग में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए खासमहल के एक सरकारी कर्मचारी, ओहदार तिर्की, को चार हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है. यह गिरफ्तारी प्रमंडल कार्यालय से हुई है, जहां ओहदार तिर्की कार्यरत थे. इस घटना से शहर में हड़कंप मच गया है और प्रशासनिक हलकों में हलचल बढ़ गई है.
सूत्रों के अनुसार, ओहदार तिर्की पर यह आरोप है कि उन्होंने एक व्यक्ति से उसके कार्य को पूरा करने के एवज में चार हजार रुपये की मांग की थी. शिकायतकर्ता ने इसकी सूचना एसीबी को दी, जिसके बाद एसीबी ने योजना बनाकर तिर्की को रिश्वत लेते हुए पकड़ने का निर्णय लिया. एसीबी की टीम ने उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार किया और उनके पास से रिश्वत की रकम भी बरामद की गई.
गिरफ्तारी के तुरंत बाद, ओहदार तिर्की को एसीबी के कार्यालय ले जाया गया, जहां उनसे डीएसपी स्तर के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं. एसीबी के सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के दौरान तिर्की से यह जानने की कोशिश की जा रही है कि क्या उन्होंने पहले भी इस तरह की गतिविधियों में संलिप्तता दिखाई है या फिर यह पहली बार है. इसके अलावा, यह भी जांच की जा रही है कि क्या उनके साथ किसी और कर्मचारी की संलिप्तता भी है.
इस घटना ने हजारीबाग के प्रशासनिक हलकों में खलबली मचा दी है. कई वरिष्ठ अधिकारी इस घटना की जांच में जुटे हुए हैं और यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि भ्रष्टाचार की इस जड़ में कितनी गहराई है. प्रशासनिक अधिकारी भी अपने विभागों में स्वच्छता लाने के लिए अब और अधिक सतर्क हो गए हैं. हजारीबाग में एसीबी की यह कार्रवाई एक स्पष्ट संदेश है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ किसी भी तरह की ढील नहीं दी जाएगी.
इससे पहले भी एसीबी ने जिले में कई महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां की हैं, जिनमें कई सरकारी अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था. एसीबी के अधिकारियों का कहना है कि उनका उद्देश्य जिले को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना है और इसके लिए वे किसी भी हद तक जाएंगे. इस घटना के बाद जनता में भी मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. कुछ लोग एसीबी की कार्रवाई की सराहना कर रहे हैं और इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम मान रहे हैं, जबकि कुछ लोग यह सोच रहे हैं कि यह कार्रवाई कितनी प्रभावी होगी. जनता का कहना है कि भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने के लिए न केवल बड़े अधिकारियों पर बल्कि निचले स्तर के कर्मचारियों पर भी निगरानी बढ़ानी होगी.