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रांची/डेस्क: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ को एकर देश-विदेश से श्रद्धालु महाकुंभ मेले में आकर आस्था की डुबकी लगा रहे है. संगम करोड़ों श्रद्धालु और संतों का समागम लगा हुआ है. ऐसे में आपको मालूम होगा कि मौनी अमावस्या स्नान के पहले संगन घात में भगदड़ मच गई थी. ऐसे में कई लोगों की दुखद मौत हो गई थी. इसके बाद प्रशासन काफी सख्त हो चुकी है. ऐसे में मेला क्षेत्र में 5 बड़े बदलाव को लागू किया है. इसके अलावा महाकुंभ के पूरे मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित किया गया है. ऐसे में किसी मेले में किसी भी प्रकार के वाहन को जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसके अलावा VVIP पास और ट्रैफिक को लेकर भी परिवर्तन किया गया है.
महाकुंभ में हुए भगदड़ के बाद पुलिस और प्रशासन एक्शन में है. श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देशों के बाद मेला क्षेत्र के लिए पांच बड़े फैसले किए गए है. ऐसा इसलिए किया गया है कि आने वाले समय में ऐसी घटना फिर कभी ना हो.ऐसे में बसंत पंचमी पर अमृत स्नान को कुशलता पूर्वक कराने की चुनौती पुलिस प्रशासन को मिली है.
महाकुंभ मेले में किए गए ये बदलाव
- महाकुंभ मेले क्षेत्र को पूरी तरह से नो-व्हीकल जोन जोन घोषित किया गया है. ऐसे में किसी भी तरह के वाहन को मेले क्षेत्र में जाने से रोक लगाई गई है.
- महाकुंभ के पूरे मेले क्षेत्र के रास्तों को वन-वे घोषित किया गया है. यह एक तरफा मार्ग व्यवस्था श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन के लिए लागू की गई है. ऐसे में एक मार्ग से श्रद्धालुओं को एंट्री मिलेगी, वहीं दूसरे मार्ग से बहार जाने को मिलेगा.
- VVIP पास को भी मेला प्रशासन की ओर से रद्द कर दिया गया है. ऐसे में वाहनों को मेले में किसी भी तरह के विशेष पास के जरिए एंट्री नहीं मिलेगी.
- महाकुंभ मेले में वाहनों के एंट्री कर रोक लगाई गई है. प्रयागराज जिले से सटे जिलों से आने वाले वाहनों को सीमा पर ही रोक दिया जा रहा है.
- बसंत पंचमी का स्नान संपन्न होने तक यानी 4 फरवरी तक प्रतिबंध लागू रहेंगे, ऐसे में चार पहिया वाहनों की शहर में आने से पूरी तरह से रोक लगाई गई है.