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रांची/डेस्क: बिहार के जाने-माने हार्ट सर्जन डॉ. अजीत प्रधान के ऑपरेशन थिएटर (OT) में सर्जरी के दौरान क्लासिकल म्यूजिक बजना एक परंपरा बन चुका हैं. डॉ. प्रधान अब तक अपने करियर में 10,000 से अधिक हार्ट सर्जरी कर चुके है और हर सर्जरी के दौरान OT में शास्त्रीय संगीत की मधुर धुन गूंजती रहती हैं.
कमजोर छात्र से लेकर बेहतरीन सर्जन बनने तक का सफर
डॉ. अजीत प्रधान ने बताया कि वह स्कूल के दिनों में पढ़ाई में कमजोर थे लेकिन एक टीचर की सलाह पर खेलकूद में हिस्सा लेने से उनके व्यक्तित्व में बड़ा बदलाव आया. उनका आत्मविश्वास बढ़ा और बाद में उनकी पढ़ाई में भी सुधार हुआ, जिसने उन्हें मेडिसिन के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया.
सन्यासी बनने की राह पर भी चले थे
डॉ. प्रधान ने खुलासा किया कि एक बार वह सन्यासी बनने के लिए निकल पड़े थे लेकिन एक बाबा ने उन्हें समाज की सेवा करने की सलाह देकर वापस भेज दिया. उन्होंने डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करने का निर्णय लिया और इस दिशा में अपना करियर शुरू किया.
विदेशों में भी बिता चुके है 15 साल
डॉ. अजीत प्रधान ने अपने जीवन के 15 वर्ष Phillippines, England और Australia जैसे देशों में बिताए, जहां उन्होंने मेडिकल शिक्षा प्राप्त की और हार्ट सर्जरी के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल की.
कहा से आया संगीत का शौक?
डॉ. प्रधान के अनुसार, उनके नाना बृज कुमार सहाय शास्त्रीय संगीत के बड़े प्रेमी थे और उन्हीं से प्रभावित होकर डॉ. प्रधान में भी संगीत का शौक विकसित हुआ. आज वह सर्जरी के दौरान भी अपनी पसंदीदा क्लासिकल म्यूजिक प्लेलिस्ट बजाते है, जो उन्हें मानसिक शांति और फोकस बनाए रखने में मदद करती हैं.
म्यूजिक के साथ सर्जरी क्यों?
डॉ. प्रधान का मानना है कि क्लासिकल म्यूजिक न केवल तनाव को दूर करता है बल्कि इससे सर्जरी के दौरान ध्यान केंद्रित करने में भी सहायता मिलती हैं.