न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: पेयजल एवं स्वच्छता विभाग का एक और कारनामा सामने आया है. आदेश के 5 वर्ष बाद भी संवेदक के खिलाफ एफआईआर नहीं दर्ज हुआ है. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में सीडीओ के तत्कालीन मुख्य अभियंता रामप्रवेश सिंह ने जल जीवन मिशन में गड़बड़ी करने वाले संवेदक मेसर्स आनंद सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था.
यह आदेश पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल चाईबासा के कार्यपालक अभियंता को दिया गया था. इस आदेश के लगभग 5 वर्ष बीत जाने के बाद भी अब तक संबंधित संवेदक के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं किया गया. न कोई कर्रवाई हुई. साथ ही भुगतान भी होता रहा. पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने एफआईआर के बजाय इस कंपनी को 1 साल के लिए डिबार किया था.
विभाग के वर्तमान मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए अभियंता प्रमुख को दो दिनों के अंदर जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. डिबार होने के बावजूद भ्रष्ट अभियंताओं से साठगांठ कर संवेदक मेसर्स आनंद सिंह ने फर्जी तरीके से अनमोल इंजीकॉम और मासूम इंटरप्राईजेज नाम से कंपनी बनाकर जल जीवन मिशन में लगभग 250 करोड़ का काम लिया.