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रांची/डेस्क: 21 फरवरी शुक्रवार को झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है. एक बार फिर सर्वदलीय बैठक में नेता प्रतिपक्ष नदारद रहेंगे. हालांकि इस सवाल पर भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि सर्व दलीय बैठक एक परंपरा रही है. जब बीजेपी की सरकार थी तब भी यह बैठक होता थी. यह बैठक का मुख्य उद्देश्य कैसे सत्र को सुचारू रूप से चलाना होता है. लेकिन जब बीजेपी की सरकार थी तब झारखंड मुक्ति मोर्चा के तरफ से या अन्य दलों के तरफ से समर्थन नहीं हुआ करता था. सत्र हो हंगामा की भेंट चढ़ता था, यहां तक की विधानसभा अध्यक्ष पर जूते-चप्पल तक चलाए जाते थे. भाजपा विधायक ने कहा कि 24 फरवरी से पहले उम्मीद है कि विधायक दल का नेता चुन लिया जाएगा अब देखने वाली बात होगी कि क्या विधायक दल नेता का चयन बीजेपी सत्र से पहले करती है या फिर नहीं.
वहीं कांग्रेस ने कहा कि आयातित नेताओं के भरोसे अगर पार्टी चलेगी तो इन्हें टूट का खतरा हमेशा बना रहेगा. आयातित नेताओं के भरोसे ही इनके संख्या भी बड़ी है. लेकिन अब पार्टी में टूट का खतरा बना हुआ है. दिल्ली के मुख्यमंत्री का चुनाव तो यह 11 महीना के बाद कर पाए हैं. विश्व की सबसे बड़ी पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. उन्होंने आगे कहा कि न्यायालय के हस्तक्षेप के बावजूद भी बीजेपी अभी तक विधायक दल नेता का चयन नहीं कर पाई है. झारखंड में बीजेपी डरी और सहमी हुई है.
ऐसे में कुल मिलाकर इस बार बजट सत्र से पहले हो रही सर्वदलीय बैठक में नेता प्रतिपक्ष नहीं होंगे. लेकिन बजट सत्र से पहले विधायक दल नेता का चयन बीजेपी सकती है.