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सिमडेगा/डेस्क: आम तौर पर दीपावली के दिन लोग लक्ष्मी पूजा करते है. इस दिन गणेश और लक्ष्मी की पूजा की जाती है. लेकिन आज शरद पूर्णिमा के दिन बंगाली समुदाय लक्ष्मी पूजा मनाते हैं. जिसे लक्खी पूजा कहा जाता है.
सिमडेगा का बंगाली समुदाय आज के दिन लक्ष्मी पूजा किए. जिसे विशेष रूप से लक्खी पूजा के नाम से मनाते हैं. बंगाली समाज मां लक्ष्मी की प्रतिमा मंडप में स्थापित कर घर में विशेष पूजा कर रहे हैं. आज के दिन विशेष प्रसाद के रूप में शीतल प्रसाद बनाया जाता है. आज शरद पूर्णिमा के साथ लक्खी पूजा मनाई जा रही है. मान्यता के अनुसार इस दिन मां लक्ष्मी पृथ्वी लोक में विचरण करती हैं. इसी कारण से इस दिन कई धार्मिक अनुष्ठान भी किए जाते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस रात चंद्रमा कि किरणों से अमृत बरसता है. ऐसे में लोग इसका लाभ लेने के लिए छत पर या खुले में खीर रखकर अगले दिन सुबह उसका सेवन करते हैं. कुछ लोग चूरा और दूध भी भिगोकर रखते हैं.
रातभर इसे चांदनी में रखने से इसकी तासीर बदलती है और रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है. इस दिन खीर का महत्व इसलिए भी है कि यह दूध से बनी होती है और दूध को चंद्रमा का प्रतीक माना गया है. चंद्रमा मन का प्रतिनिधित्व करता है. इस पूर्णिमा की रात चांदनी सबसे ज्यादा तेज प्रकाश वाली होती है. आज के दिन बंगाली परिवार घर को दीपावली की सजाए हैं और घर में खूबसूरत रंगोली बनाए हैं.