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रांची/डेस्क: एक समय भारत की सबसे मूल्यवान स्टार्टअप कंपनी रही एडटेक कंपनी बायजूज इस समय गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रही है. कंपनी इनसॉल्वेंसी (दिवालिया) प्रक्रिया से गुजर रही है, जिसके दौरान कर्जदारों, कर्मचारियों, वेंडरों और सरकार द्वारा बकाया रकम के लिए दावे किए जा रहे हैं.
टैक्स विभाग ने किया 850 करोड़ का दावा
इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया (आईबीबीआई) के दस्तावेजों के मुताबिक, केंद्र और कर्नाटक राज्य के टैक्स विभागों ने बायजूज पर कुल 850 करोड़ रुपये का टैक्स बकाया होने का दावा किया है. केंद्र सरकार के टैक्स विभाग का दावा 18.7 मिलियन डॉलर (करीब 150 करोड़ रुपये) का है, जबकि कर्नाटक राज्य का दावा 82.3 मिलियन डॉलर (करीब 700 करोड़ रुपये) का है.
कुल 1.5 बिलियन डॉलर से ज्यादा के दावे
अब तक बायजूज के खिलाफ कुल 1.5 बिलियन डॉलर (करीब 12,500 करोड़ रुपये) से अधिक के बकाया दावे किए जा चुके हैं. इन दावों में 1,887 कर्जदाता शामिल हैं, जिनके दावों की समीक्षा चल रही है.
कभी थी सबसे मूल्यवान स्टार्टअप
2022 में बायजूज की वैल्यू 22 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई थी, जो उसे दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ने वाले स्टार्टअप्स में से एक बनाती थी. लेकिन लगातार संकटों का सामना करने के बाद, कंपनी आज इनसॉल्वेंसी प्रक्रिया में फंस गई है. अमेरिका के कर्जदाता भी कंपनी से 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा की बकाया रकम की मांग कर रहे हैं.